सिवनी: सिवनी में एक विवादास्पद घटना सामने आई जब युवाओं के एक समूह को सिवनी पुलिस ने भारत के विश्व विजेता बनने पर जश्न मनाने से रोका। जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह घटना शहर के प्रमुख इलाके शुक्रवारी चौक की बताई जा रही है. जहां पर युवा भारत के वर्ल्ड कप फाइनल में जीत हासिल करने पर जश्न मना रहे थे।
भाजपा नेता भुनेश कुल्हाडे (Bhunesh Kulhade) ने बताया कि पुलिस ने युवाओं के जश्न को रोकने का प्रयास किया, जिससे वहा पर तनाव का माहौल बन गया क्योंकि युवा भारत की जीत पर जश्न मना रहे थे ना कि कोई पर्सनल पार्टी या सेलिब्रेशन था। उसी समय किसी व्यक्ति द्वारा इस घटनाक्रम का वीडियो बना लिया गया और देखते ही देखते वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया.
वायरल वीडियो में भाजपा युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष भुनेश कुल्हाड़े (Bhunesh Kulhade) पुलिस से भिड़ते नजर आ रहे है, वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है भुनेश कुल्हाड़े और पुलिस के बीच काफी नोक झोंक होती हुई दिखाई दे रही है. हालांकि कुछ देर बाद बाद पुलिस वापस लौटी और वहाँ मौजूद युवाओं ने जय श्रीराम के नारों के साथ वापस जश्न मनाना शुरू किया।
घटना के बाद, युवाओं ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और पूरे जोश और उल्लास के साथ अपना जश्न मनाना जारी रखा। इस घटना ने शहर में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तो पैदा कर ही दी है और इसे लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं भी आएंगी यह भी निश्चित है.
देश के प्रति युवाओं के उत्साह को कुचलने की कोशिश ना करें पुलिस – भुनेश कुल्हाडे
भुनेश कुल्हाड़े से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पुलिस का यह कदम युवाओं के जोश और उत्साह को दबाने वाला था, और उन्होंने पुलिस से आग्रह किया कि वे इस प्रकार से देश के प्रति युवाओं के उत्साह को कुचलने की कोशिश ना करें।
इस मामले में अभी तक पुलिस स्टेशन तक कोई भी आवेदक नहीं पहुंचा है ना ही किसी प्रकार की कोई ऐसी शिकायत पहुंची है जिसमें भारत की जीत के लिए जश्न मनाने से किसी भी नागरिक को रोका गया हो. अंदाजा लगाय जा सकता है कि मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा भीड़ को एकत्रित देख किसी प्रकार का कोई विवाद ना हो उस उद्देश्य से शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह कदम हो, लेकिन युवाओं के देश के प्रति जोश के आगे शायद ही कोई टिक पाए.
हालाँकि यदि पुलिस द्वारा वाकई में युवाओं को जश्न मनाने से रोका गया हो तो यह भारत देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन जरूर होगा।