सिवनी, जबलपुर (मध्य प्रदेश): चाकू घोंपकर हत्या की घटना में अपने प्रियजन को खोना मानो काफी नहीं था, एक परिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए लेने के लिए 4 दिन तक इंतजार करना पड़ा. मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पताल की लचर व्यवस्था परेशान करने वाली है जिसका जीता जागता उदाहरण आप इस खबर में देख ही लेंगे.
पोस्टमार्टम करने से अस्पताल ने साफ़ इनकार कर दिया
सिवनी जिले में बीते दिनों हुए अंकित मिश्रा और पत्नी अंजना मिश्रा पर हुए हमले के बाद पति अंकित मिश्रा की मौत हो गई थी. अस्पताल प्रशासन ने उनके नाम में गड़बड़ी कर दी थी जिसकी वजह से परिवार को भीषण गर्मी में दर-दर भटकना पड़ रहा है. मृतक का नाम अंकित मिश्रा की जगह मनीष मिश्रा दर्ज हो गया था। नाम में इस गड़बड़ी के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई और पोस्टमार्टम करने से अस्पताल ने साफ़ इनकार कर दिया.
मामला है नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल जबलपुर का है, जहां हत्या के बाद पोस्टमार्टम में देरी इस कारण हो रही है क्योंकि नाम में किसी तरह की कोई गलती है, जिसे सुधारने के लिए मेडिकल कैंपस को चार दिन लग गए हैं, लेकिन अभी तक सुधार नहीं किया जा सका है.
पीड़ित, अंकित मिश्रा और उनकी पत्नी अंजना मिश्रा पर 23 मई को चाकू से हमला किया गया था। दोनों को इलाज के लिए चिकित्सा सुविधा में ले जाया गया, जहां अंकित की 24 मई को मौत हो गई, जबकि अंजना का इलाज जारी है।
मेडिकल सिस्टम की लचर व्यवस्था के कारण तपती गर्मी में मासूम बच्ची को पिता के पोस्टमार्टम का इंतजार करना पड़ रहा है. क्योंकि मामला हत्या का होने के कारण बिना पोस्टमार्टम के कारण बेटी को उसके पिता का शव नहीं दिया जाएगा. यह अपने आप में रौंगटे खड़े करने वाला है, जो बहुत से सवाल खड़े करता है कि आखिर किसी शख्स के डॉक्यूमेंट महज नाम की गलती को सुधारने के लिए कितने दिनों का समय लग जाना चाहिए?
घरवालों ने मृतक अंकित मिश्रा का वोटर आईडी एवं 50 रुपये के स्टाम्प ड्यूटी एफिडेविड भी बनवाकर अस्पताल प्रशासन को दिया लेकिन उसके बाद भी अस्पताल प्रशासन उन्हें 3 दिनों तक भटकाता रहा. पुलिस से बातचीत में उन्होंने परिवार को बताया है कि 26 मई को रविवार है छुट्टी का दिन है, इसलिए सोमवार को मेडिकल ओपीडी से लेकर वार्ड तक मे नाम सुधरवाया जाएगा. जिसके बाद सुधार होते ही पोस्टमार्ट करके शव को सौंपा जाएगा.
तीन दिन पहले चाकू घोंपकर मारे गए अंकित मिश्रा के पोस्टमार्टम में नाम गड़बड़ी के कारण देरी हो रही है। अंकित की मौत की खबर मिलते ही परिवार के सदस्यों को अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्हें 42 डिग्री सेल्सियस तापमान वाली भीषण गर्मी में पोस्टमार्टम के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।
रविवार को अवकाश होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका तथा घटना के चार दिन बाद आज सोमवार को दस्तावेजों में नाम सुधार के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा। पोस्टमार्टम के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई निपटाने के लिए परिवार अस्पताल और पुलिस स्टेशन के कई चक्कर लगा रहा है।