मोदी ने जबरन लगवा दी खून का थक्का जमाने वाली वैक्सीन! आपने भी लगवाई है कोविशील्ड तो घबराएं नहीं, प्रोपगेंडा से बचने के लिए यह वीडियो देखें. चुनाव आते ही गोरी चमड़ी के देश के अखबार की एक कतरन में तीन वर्ष पहले की ही उपलब्ध जानकारी दिखाकर आपको वापस पैनिक में भेजा जा रहा है. हालाँकि इसमें हमारे देश के कुछ अनपढ़ पत्रकारों और संपादकों द्वारा पब्लिश सनसनी वाली हेडलाइन पढ़कर लोगों में काफी दर का माहौल बन गया है.
खबरें मीडिया में आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर और ज्यादा दर का माहौल बनाया जाने लगा है कि सरकार ने जबरदस्ती गाँव गाँव और शहर शहर सरकारी कर्मचारियों को भेजकर कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई थी.
आसान भाषा में समझिए की कोविशील्ड के कारण रक्त का थक्का जमना होता भी तो वैक्सीन लगने के चार से बयालीस दिनों के भीतर जम चुका होता टी टी एस (TTS) में रक्त का थक्का जमने और प्लेटलेट्स कम बनने का संकट अति दुर्लभ होता है वह भी बयालीस दिन तक ही होता है.
भारत में अब तक लगभग पौने दो अरब टीके लगे हैं जिसमें केवल अठारह लोगों को यह समस्या आई थी चुनाव के समय आपको गोरी चमड़ी के देश के अखबार की एक कतरन में तीन वर्ष पहले की ही उपलब्ध जानकारी दिखाकर आपको वापस पैनिक में भेजा जा रहा है.
जिम करने वाले स्वस्थ युवकों को हार्ट अटैक आने के पीछे ऐसी कोई स्टडी नहीं है जो इसे वैक्सीन से जोड़ सके आप जो बुखार के लिए पैरासिटामोल लेते हैं, उसके कारण भी लिवर फैल हो सकता है. सड़क पर चलने मात्र से आपकी अकाल मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है इसका मतलब यह नहीं है कि आप घर से बाहर ना निकले
एलोपैथी की कोई दवा ऐसी नहीं है जिसके दुष्प्रभाव की संभावना नहीं होती, सामान्य दवाइयां भी कुछ लोगों में रियेक्ट करती है. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन से लेकर रेमडेसिविर के बीच मरते बचते लोगों को वैक्सीन देकर जीवित बचाने और ना देकर मरने के लिए छोड़ने के बीच इस सरकार ने आपका जीवन चुना है. तो जानकारी रखिए और प्रोपागंडा से बचिए