वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने ईरान, चीन और अफगानिस्तान पर राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन की नीतियों को साफ किया है। उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु समझौते की सभी शर्तो का ईमानदारी से पालन करता है तो अमेरिका समझौते से दोबारा जुड़ने के लिए तैयार है। अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान के बीच शांति वार्ता जारी रखने के लिए कहा गया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन चाहते हैं कि ईरान के साथ परमाणु समझौते पर स्थितियां पूरी तरह से साफ होनी चाहिए। ईरान समझौते की शर्तो को पूरी तरह से मानता है तो अमेरिका भी उसी रास्ते पर चलेगा। इस मंच को मित्र और सहयोगी देशों के साथ मजबूती देते हुए ईरान के साथ चल रही अन्य समस्याओं को भी दूर किया जा सकेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी हम उस स्थान पर हैं, जहां से लंबा रास्ता तय करना है और ईरान को कई मोर्चो अपनी प्रतिबद्धता दिखानी है। अगर ईरान समझौते पर वापस लौटना जाहता है तो हम इस मुद्दे पर एक मजबूत टीम बनाकर इस मुद्दे के विभिन्न दृष्टिकोण पर विचार करेंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताया कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के लिए नियुक्त विशेष दूत जालमे खलीलजाद से कहा है कि वह अफगान-तालिबान के बीच चल रही शांति वार्ता को जारी रखें। तालिबान से हुए समझौते में हम देख रहे हैं कि अब तक दोनों और से समझौते की शर्तो को किस स्तर पर पूरा किया गया।
चीन के मुद्दे पर अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा विश्व के लिए महत्वपूर्ण है और अमेरिका और चीन इस मुद्दे पर साथ में काम कर सकते हैं। अमेरिका और चीन के रिश्ते सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों के रिश्तों में कुछ विरोधाभासी पहलू हैं। इन रिश्तों में कुछ प्रतिस्पर्द्धी तो कुछ सहयोगात्मक स्थितियां हैं।