Sanjeet Hatyakand: बर्रा थाना क्षेत्र में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपहरण एवं हत्याकांड के मामले की जांच के लिए मंगलवार को सीबीआई की टीम पहुंची। टीम ने बर्रा थाना पहुंचकर मामले की जांच की और संजीत के घर भी जाएगी।
बर्रा-5 निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण-हत्याकांड के मामले में अक्टूबर 2021 को लखनऊ की सीबीआई टीम ने अलग से मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके बाद से सीबीआई टीम तीन बार कानपुर आ चुकी है।
इस दौरान टीम के अधिकारियों ने संजीत के परिवार, केस के जांच अधिकारी, हत्यारोपितों के बयान भी ले चुके हैं। साथ ही केस से संबंधित सभी दस्तावेज लिए और घटनास्थल को भी देखा था। टीम ने जिस फोन पर कॉल करके संजीत के पिता से 30 लाख की फिरौती मांगी थी, उसे भी कब्जे में लिया था।
सूत्रों की माने तो मंगलवार को एक बार फिर सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम पुलिस लाइन पहुंची। जहां टीम पुलिस विभाग वाहन से करीब 10 बजे बर्रा थाना पहुंचकर प्रभारी निरीक्षक मानवेन्द्र सिंह से उनके कार्यालय में संजीत अपहरण एवं हत्याकांड के सम्बन्ध में जानकारी जुटाई। टीम संजीत के घर भी जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि 22 जून 2020 की रात बर्रा-5 निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण हो गया था और पिता चमन लाल को फोन कॉल करके 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। पुलिस के कहने पर संजीत के पिता रुपयों से भरा बैग लेकर फिरौती देने के लिए गए थे, लेकिन अपहरणकर्ता चकमा देने में कामयाब हो गए थे।
हालांकि बाद में पुलिस ने अंबेडकर नगर निवासी गिरोह के सरगना रामजी शुक्ल, दबौली वेस्ट निवासी ईशू उर्फ ज्ञानेंद्र, सरायमिता कच्ची बस्ती पनकी निवासी कुलदीप गोस्वामी, गज्जापुरवा निवासी नीलू सिंह, गुमटी नंबर पांच निवासी प्रीति शर्मा, सिम्मी सिंह उर्फ जयकरन फतेहपुर रोशनाई अकबरपुर कानपुर देहात निवासी राजेश उर्फ चीता उर्फ टाइगर को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने संदिग्धों से पूछताछ करके संजीत का अपहरण एवं हत्याकांड का खुलासा करते हुए दावा किया था कि रतनलाल नगर के एक मकान में रखे जाने और फिर हत्या करके शव पांडु नदी में फेंका गया था। लेकिन पुलिस कई दिनों तक पांडु नदी में शव की खोजबीन करती रही और पुलिस इस मामले में कोई साक्ष्य नहीं जुटा सकी।
जिससे बाद में इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपित रामजी, ज्ञानेंद्र समेत आरोपितों को कुछ माह बाद न्यायालय से जमानत मिल गई थी। पुलिस ने रामजी शुक्ला को जिला बदर घोषित कर दिया था और सभी आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी।