अयाेध्या। भारत रत्न सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर पूरी अयाेध्यानगरी गमगीन रही। उनके निधन पर साधु-संतों ने शाेक प्रकट किया है।
रविवार काे आचार्य पीठ तपस्वी छावनी, रामघाट में जगद्गुरु स्वामी परमहंस आचार्य के नेतृत्व में एक श्रद्धांजलि सभा का आयाेजन किया गया।
सभा में संताें ने स्वर काेकिला के चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और दाे मिनट का माैन रखा।
इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा कि भारत रत्न लता मंगेशकर काे हम सबने हमेशा माता सरस्वती के रूप में देखा है। उनका निधन देश के लिए अपूर्णीय क्षति है।
पूरे देश में इस समय शाेक की लहर है। अयाेध्या में भी साधु-संत शाेकाकुल हैं। हम संताें ने शाेक सभा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं दाे मिनट का माैन रखा। साथ ही उनकी आत्म शांति के लिए रामलला से प्रार्थना भी किया।
परमहंस ने कहा कि सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर भारत की गाैरव रही हैं। जब मुझे पता चला कि वह बहुत बीमार हैं। ताे मैंने उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए हवन-पूजन, यज्ञ, अनुष्ठान आदि धार्मिक कार्यक्रम किए।
लेकिन जब उनके निधन का समाचार मिला ताे इससे बहुत दुख हुआ, जिसकाे बयां नही किया जा सकता है। धन्य है यह भारत भूमि जहां लता मंगेशकर का प्राकट्य हुआ।
उनके जैसा न काेई हुआ है और न हाेगा। भविष्य में उस रिक्त स्थान की पूर्ति कभी नहीं की सकती है। भारत ही नहीं अपितु पूरा विश्व लता मंगेशकर के निधन से दुखी है। उनका जाना हम सबके लिए बेहद दुखद है। ईश्वर उनकी आत्मा काे शांति दे।