कानपुर । नगर निगम चुनाव में पार्षद सीट के लिए आरक्षण सूची जारी हो चुकी है और बहुत से वर्तमान पार्षदों की सीट उनके अनुकूल नहीं है।
इससे अब उस सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे तो दूसरी सीट पर भाग्य अजमाने की तैयारी में जुट गये हैं। साथ ही क्षेत्र में लगवाई गई होर्डिंग्स व बैनर भी उतरवाने लगे हैं। वहीं सीट बदलने से कुछ पार्षद ऐसे हैं जो मन बना चुके हैं कि पांच साल का इंतजार करेंगे।
नगर निगम चुनाव को लेकर वार्ड आरक्षण जारी हो चुका है। सूची जारी होते ही सियासी हलचल भी तेज हो गई है। बहुत से ऐसे पार्षद हैं, जिनकी सीट उनके अनुकूल इस बार नहीं है। ऐसे में न तो खुद चुनाव लड़ सकेंगे और न ही उनके परिवार से कोई महिला।
अब इनके पास दूसरा वार्ड तलाशने का विकल्प बचा हुआ है, लेकिन दूसरे वार्ड से कुछ पार्षद चुनाव लड़ने से डर रहे हैं और पांच साल इंतजार करने का मन बना चुके हैं। वहीं आरक्षण से पहले जिन पार्षदों ने अपनी और पत्नी दोनों की फोटो वाली होर्डिंग लगाई थी, उनमें से अधिकांश ने हटा ली। इनके वार्डों का आरक्षण ऐसा बदला कि ये कहीं भी उस दायरे में नहीं आ सके।
ये पार्षद नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
सदन में मुखर रूप से आवाज उठाने वाले राघवेंद्र मिश्रा वार्ड नंबर 91 शास्त्री नगर से पार्षद हैं। इनका वार्ड अनारक्षित था और अब पिछड़ा वर्ग हो गया है। गिरीश चंद्रा वार्ड नंबर 7 से पार्षद हैं। इस वार्ड का आरक्षण अनुसूचित जाति था और इस बार पिछड़ा वर्ग हो चुका है। रमेश चंद्र हटी वार्ड नंबर-1 से पार्षद हैं। इनके वार्ड का आरक्षण पिछली बार अनुसूचित जाति था और इस बार पिछड़ा वर्ग हो गया है।
मदन बाबू वार्ड नंबर 13 से पार्षद हैं। इनके वार्ड का आरक्षण अनुसूचित जाति का था और इस बार पिछड़ा वर्ग हो गया है। वार्ड नंबर 26 से विजय लक्ष्मी पार्षद हैं। इनके वार्ड का आरक्षण महिला था और अब अनुसूचित जाति हो गया है। वार्ड नंबर 33 विजय नगर से घनश्याम गुप्ता पार्षद हैं। पिछली बार आरक्षण अनारक्षित था और अब पिछड़ा वर्ग हो चुका है।
नानकारी वार्ड नंबर 27 से निर्मला मिश्रा पार्षद हैं। इनके वार्ड का आरक्षण महिला था और अब अनुसूचित जाति हो गया है। वार्ड नंबर 87 से मेनका सिंह सेंगर पार्षद हैं। यह वार्ड अनारक्षित था और अब पिछड़ा वर्ग हो गया है। ऐसे में इनके पास अपने अनुकूल दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ने का विकल्प है या पांच साल इंतजार करने का।