सिवनी 18 जनवरी 18/ जब मन मे कुछ करने की चाह और परिश्रम करने का हौसला हो तब हर मुश्किल आसान हो जाती है। यह बात देविका स्व सहायता समूह की महिलाओं पर खरी बैठती है। देविका स्व. सहायता समूह सिवनी जिले के सी.व्ही. रमन वार्ड में रहने वाली 10 ऐसी महिलाओं का समूह है जो कभी अति गरीबी में जीवन यापन करती थी। परिवार के रोजी रोटी हेतु प्रतिदित मजदूरी करनी पडती थी। कभी बीमार पडने पर घर का गुजर बसर करना मश्किल हो जाता था। तभी इन्हें राष्ट्रीय शहरी अजीविका मिशन अंतर्गत महिला स्व.सहायता समूह को स्वरोजगार प्रदान कर आत्म निर्भर करने की योजना का पता चला। वार्ड की महिलाओं ने आपस में बात कर 10 सदस्यों की समिति बनाई जिसमें अनुराधा नामदेव, ज्येति कश्यम, कमला बलावी, कविता नाविक, मलती बर्मन, पार्वती नाविक, पुर्णिमा नाविक, शशि नाविक, रानी नाविक, रानी नाविक, सरस्वती नाविक, सीमा कुडपे, सोनिया नाविक सम्मिलित है।
महिलाओं द्वारा प्रारंभ में छोटी-छोटी बचत समूह मे जमा की जाने लगी तथा आवश्यक पडने पर बारी-बारी से उस राशि का उपयोग अपनी जरूरतों को पूरा करने मे लगीं। अब उन्हे साहूकारों से ऋण लेने की आवश्यकता नहीं थी। सभी महिलाएं अब साहूकारों के चक्रिय ब्याज के चक्रव्यू से बाहर आ चुकि थी। इसके साथ ही उन्हें नगर पालिका द्वारा 10000 रू चर्किय कोष राशि उपलब्ध करावाई गई। जिससे स्व सहायता समूह की महिलाओं की आथिक स्थिति एवं हौसले में बढोतरी हुई तथा इन महिलाओं ने संयुक्त व्यापार करने का सोचा एवं अपनी रूची अनुरूप अपने स्वसहायता समूह के नाम से ही सिलाई व्यवसाय प्रारंभ किया। जिसमें शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत 1 लाख 50 हजार रूपये का ऋण समूह को दिलवाया गया साथ ही 15 प्रतिशत अनुदान राशि भी योजनान्तर्गत दिलवाई गई। जिससे इन महिलाओं की सकारात्मक सोच एवं परिश्रम से बाजार के इनके उत्पादों की मांग बढने लगी। जिससे समूह की आय भी बढ़ने लगी। आज ये महिलाये शासन की योजनाओं के लाभ से पूर्णत: आत्म निर्भर है तथा अपने व्यवसाय के विस्तार हेतु नए आयाम खोजकर उसकी ओर अग्रसर हैं।
अपने समूह के 17 जनवरी 2018 को एक वर्ष पूर्ण होने पर देविका समूह की महिलाओं द्वारा अपने व्यवसाय का सफलतापूर्वक संचालन से उनके जीवन स्तर में आये अभूतपूर्व परिवर्तन को वार्षिक उत्सव के रूप में मनाया सभी ने एक दूसरों को शाल व अन्य वस्तुएं भेट कर सम्मानित किया।
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