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सिवनी में क्यों आता है धान खरीदी मे शार्टेज, ये है खास वजह; ध्यान दीजिए कलेक्टर साहब

By SHUBHAM SHARMA

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सिवनी, धारनाकला: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के कार्य को सम्पन्न हुऐ छह माह का समय बीत गया है और लगभग जिले की अधिकांश सहकारी समितियां जिनके द्वारा शासन स्तर पर किसानों से धान खरीदी की गई है. इसके साथ ही समितियों के द्वारा हजारो क्विंटल धान का शार्टेज भी दिया है.

किन्तु इतना भारी भरकम शार्टेज आता कैसे है इसकी कलई भी अब धीरे धीरे सामने आने लगी है जिस तरफ ना ही प्रशासन का ध्यान है।

और न ही सहकारिता विभाग का तथा मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन सिवनी के द्वारा भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई उसी का परिणाम है की लगातार सहकारी सेमितियों की धान खरीदी मे हजारो क्विंटल धान का शार्टेज मिल रहा है।

अतिरिक्त बनाई गई धान की बोरियो का भुगतान न होने पर हुई शिकायत

उल्लेखनीय है की बरघाट विकास खंड के अन्तर्गत ही आने वाले खरीफ उपार्जन केन्द्र का मामला प्रकाश मे आया है जिसमे धान खरीदी प्रभारी के द्वारा धान की बोरियों मे सिलाई करने वाले से अतिरिक्त धान की बोरिया पचास रूपये प्रति बोरी की दर बनवाई गई थी और लगभग दो हजार से उपर बोरिया उसके द्वारा धान खरीदी प्रभारी और आपरेटर को बनाकर दी गई थी।

किन्तु उसके द्वारा अतिरिक्त बनाई गई बोरियो का भुगतान अब तक नही किया गया है जिस सम्बध्द मे शिकायत कर्ता द्वारा बताया गया की वह अनेको धान खरीदी प्रभारी के पास जा चुका है किन्तु उसे उसकी मेहनत मजदूरी का भुगतान नही किया जा रहा है जिससे त्रस्त होकर उसके द्वारा प्रशासक को लिखित शिकायत करते हुए अपने भुगतान की मांग की गई है।

शिकायत कर्ता द्वारा यह भी बताया गया की मेरी और भी लोगो ने उपार्जन केन्द्र मे अतिरिक्त बोरिया बनाने का कार्य किया है और धान खरीदी प्रभारी को अतिरिक्त धान की बोरिया बनाकर सौपी है।

किसानो से अत्यधिक धान लेने के बाद भी हजारो क्विंटल धान का शार्टेज

उल्लेखनीय है की खरीफ उपार्जन केन्द्रो मे धान तुलाई के समय अन्न दाता किसान से 40किलो 500 ग्राम धान के ऐवज मे 41 किलो 200 से 300 ग्राम धान तौली गई है ऐसी स्थिति मे धान का शार्टेज कैसे हो सकता है किन्तु उसके पीछे का सच यही है की धान खरीदी प्रभारी तथा जवाबदारो के द्वारा भरी हुई धान की बोरियो से धान निकाल कर हजारो बोरिया तैयार की जाती है।

तथा वही धान अपने स्वयं के उपयोग मे लेते हुए शासन को लाखो रूपये का चूना लगाते हुऐ समिति को गर्त मे ले जाने का कार्य किया जाता है और प्रति वर्ष सहकारी समितियो को मिलने वाली धान कमीशन राशि समिति मे न जाकर इनकी जेब मे चली जाती है।

खरीफ धान उपार्जन मे स्कंध कमी की राशि क्यो नही की जाती वसूल

उल्लेखनीय है की सहकारी समितियो और समूहो के द्वारा धान उपार्जन का कार्य किया गया है एवं परिवहन किया गया है किन्तु स्वीकृति पत्रक के अनुसार सहकारी समितियो को हजारो क्विंटल स्कंध की कमी आई है।

बावजूद इसके नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा भुगतान भी कर दिया गया है जो की संस्था को देनदारी निर्मित होती है वही यह बताना भी लाजिमी है की उपार्जन नीति के अनुसार खरीदी प्रभारी का यह दायित्व होता है कि उपार्जित स्कंध की सुरक्षित अभिरक्षा मे रखकर एवं एफ एक्यू स्कंध की जिम्मेदारी खरीदी प्रभारी की होती है ।

किन्तु उपार्जन केन्द्रो मे हजारो क्विंटल धान की शार्टेज हुई है इस हेतू धान खरीदी प्रभारी ही उत्तर दायी है तथा इसके साथ ही संस्था को प्राप्य कमीशन राशि तथा बारदाना सहित लाखो रूपये को हानि पहुंचाई गई है ऐसी स्थिति मे वैधानिक कार्रवाई होनी चाहिये किन्तु इस सम्बंध मे जिले से ऐसी ठोस कार्रवाई सामने नही आई है यही कारण है सहकारी समितिया लगातार प्रति वर्ष लाखो के नुकसान सहित गर्त मे जा रही है।

89 दिन की भर्ती वाले ही कर रहे है कमाल

यह भी उल्लेखनीय है की सहकारी समितियो मे नियम विरूद्ध तरीके से रखे गये दैनिक वेतन भोगी कर्मी ही समितियो मे कमाल कर रहे है तथा समितियो की लूटिया डूबो रहे है पर इस ओर ध्यान देने की जरूरत कोई नही समझता लगातार समितिया नुकसान मे जा रही है ।

वेतन देने के लाले पडे हुऐ है पर समिति के 89 दिन समाप्त नही हो रहे है ऐसी स्थिति मे सहकारिता का भगवान ही मालिक है और आने वाले समय मे भी यही स्थिति रही तो किसानो से जुडी सहकारी समितिया नाम मात्र की औपचारिकता बनकर रह जायेगी जिसमे किसानो का हित तो कम पर संचालन करने वाले ही इसके मालिक बनकर अपनी मनमानी करते नजर आएंगे

इस सम्बध्द मे संचार एवं सकर्म सभापति एव जनपद सदस्य राहुल उइके एवं सहकारी सभापति एवं जनपद सदस्य गजानंद हरिनखेडे ने कहा की सहकारी समितिया किसानो से जुडी समितिया है तथा हमारे अन्नदाता किसान का कृषि से सम्बंधित कार्य।

खाद बीज से लेकर नगदी तक सहकारी समितियो से ही होता है जिसे संजोकर रखने का दायित्व हर किसी का होता है परन्तु जिस तरह सहकारी समितियो लगातार शासन की महती योजनाओ से जुडने के बाद भी गर्त मे जा रही है दुखद बात है।

इस और जवाबदारो को नियमानुसार कार्रवाई करनी चाहिये तभी बिन सहकार नही उद्धार का संकल्प पूरा नही होगा
अतः जिले के संवेदन शील जिला कलेक्टर महोदय इस ओर ध्यान देगे ऐसी अपेक्षा है

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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