सिवनी -जिले की बरघाट तहसील में एक अनोखी शादी का मामला देखने को आया जहाँ आधुनिक दौर में जहां लोग शादी-विवाह में दिखावे के लिए लाखों रुपए पानी की तरह बहा देते हैं,महँगी कार में सवार होकर डीजे में बजते पश्चिम संस्कृति की धुनों पर थिरकते रहते है जो कि आजकल फैशन से बन गया हैं वही इसके विपरीत सिवनी जिले के बरघाट गाव के एक युवा ने परम्परागत तरीके से शादी कर अनावश्यक खर्च पर अंकुश लगाया, साथ ही गोवंश और पर्यावरण सरंक्षण का संदेश देते हुए बैलगाड़ी पर सवार होकर ससुराल पहुंच गया।
गौरतलब हो कि बरघाट नगर को धान का कटोरा भी कहा जाता है जहा छेत्र की सबसे बड़ी बैल बाजार भी भरी जाती है।
बरघाट नगर के समाजसेवी मेडिकल के संचालक चन्दप्रकाश (बंटी पटले) की बारात परम्परागत तरीके से निकली बनी जो आकर्षण का केंद्र भी बनी दूल्हे बने बंटी बताया कि हिन्दू धर्म में गाय को माता की तरह पूजते हैं और उसकी संतान बैल भी हमारे खेतों में कृषि कार्य में उपयोगी हैं, लिहाजा उसने अपने निजी वाहन को छोड़कर, परंपरा को ध्यान में रखते हुए बारात बैलगाड़ी से ले जाने का निश्चय किया। सज धज कर बैलगाड़ी पर बैठे दूल्हे को देखकर लोग बस उसे निहारते रह गए। वही बारात में शामिल सभी बारातियो ने इस अनोखी बारात में शामिल होने का लुत्फ उठाया और सभी महिला पुरूष सहित बच्चो ने भी खूब आनन्द लिया इस तरह की बारात हमारी परम्पराओ संस्कृति को बचाने का प्रयास है जो सरहनीय है
जब बैलगाड़ी से निकल पड़ा दूल्हा
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