भोपाल| सत्ता में वापसी के लिए बेकरार कांग्रेस में बदलाव के बाद नए समीकरण बनने की शुरुआत हो चुकी है, वहीं इस फेरबदल को लेकर पार्टी के छोटे से लेकर बड़े नेताओं में चर्चा है, लेकिन कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष बनाये गए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुप्पी साध ली है| खुद को मिली इस जिम्मेदारी के लिए न तो सिंधिया ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का धन्यवाद दिया है और न ही कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनने पर बधाई दी हैं| अक्सर प्रदेश में होने वाले हर घटनाक्रम को लेकर सिंधिया ट्वीट करते हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने इस सम्बन्ध में कोई ट्वीट नहीं किया है| जिसको लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे, सिंधिया की चुप्पी चर्चा का विषय बनी हुई है|
कांग्रेस में लम्बे समय से चेहरा प्रोजेक्ट की मांग उठ रही थी और कमलनाथ खुद सिंधिया के नाम को आगे बढ़ा चुके थे| लेकिन पार्टी के कई वरिष्ठ नेता लगातार चेहरा प्रोजेक्ट करने के खिलाफ थे| वहीं दिग्विजय ने कमलनाथ को अध्यक्ष बनाये जाने की बात कही थी| इन सबके बीच सिंधिया समर्थकों को यह उम्मीद थी कि प्रदेश की कमान सिंधिया को मिलेगी| हालांकि सिंधिया को पार्टी ने चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाया है, यह साफ़ है कि चुनाव में सिंधिया एक ग्लैमरस चेहरा होंगे और पूरा दारमदार भी उन्ही पर होगा| लेकिन फिलहाल उनकी चुप्पी बड़े नेताओं सहित कार्यकर्ताओं के लिए भी मुश्किल बन गई है| सिंधिया के इस रवैये से उनके समर्थकों में पसोपेश की स्थिति है।
सबको साथ लेकर चलना बड़ी चुनौती
प्रदेश की कमान सँभालने के साथ ही कमलनाथ के लिए बड़ी चुनौती सबको साथ लेकर चलना होगा| क्यूंकि लम्बे समय से सत्ता से दूर रहने से कांग्रेस के कई बड़े नेता हताश है, वहीं कई उपेक्षा के शिकार हुए हैं| अपनी ही पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं मिला है, कइयों के मन में उठ रहे ऐसे असंतोष को दूर करना अहम् होगा| वहीं कई खेमों और गुटों में बंटी पार्टी में एकजुटता लाना चुनौती है| ऐसी स्तिथि में सिंधिया, दिग्विजय, अजय सिंह सहित तमाम बड़े नेताओं के एक साथ आने से ही कमलनाथ की चुनौती आसान होगी| लेकिन सिंधिया का रवैया फिलहाल कइयों की परेशानी का कारण बना हुआ है|