सिवनी शहर में हर साल गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत एक गंभीर समस्या बनकर सामने आती है। नगर पालिका द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में मुख्य नगर पालिका अधिकारी (C.M.O.) ने नागरिकों को पानी के संचयन और उपयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी है, जो एक सराहनीय कदम है। लेकिन क्या केवल चेतावनी देना ही पर्याप्त है? जब सैकड़ों घरों में 3-4 दिनों से एक बूंद पानी नहीं पहुंचा, तो जनता आखिर पानी का संचय कैसे करे?
पानी की किल्लत: चेतावनी या समाधान?
नगर पालिका की जिम्मेदारी सिर्फ चेतावनी जारी करना नहीं बल्कि समस्याओं का स्थायी समाधान भी देना होता है। इस भीषण गर्मी में जब पारा 45 डिग्री को पार कर गया है, तब नलों में पानी नहीं आना जनता के लिए गंभीर संकट बन चुका है।
प्रेस विज्ञप्ति में जल संचय और संयम की बात तो कही गई है, परंतु उन घरों के लिए कोई समाधान नहीं दिया गया, जहाँ पिछले कई दिनों से पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंची। जिनके घर पानी नहीं आ रहा, वो कहां से करें संचय? यह प्रश्न बेहद महत्वपूर्ण है कि जिन घरों में पानी की सप्लाई बिल्कुल ठप है, वह लोग जल संचय कैसे करें?
ऐसे में क्या C.M.O. या नगर पालिका ने इन क्षेत्रों में पानी के टैंकरों की व्यवस्था की? क्या कोई आपातकालीन जल वितरण प्रणाली लागू की गई? जवाब है – नहीं।
भीषण गर्मी में जल संकट: आम जनता की पीड़ा
भीषण गर्मी में जब तपती धूप और लू चल रही हो, तब पानी का न मिलना जनता के लिए किसी आपदा से कम नहीं। छोटे बच्चे, वृद्धजन, महिलाएं – सभी इस त्रासदी के सबसे बड़े शिकार हैं। नगर के बड़े अधिकारी, रसूखदार, नेता – इन सभी को शायद ही कभी पानी की कमी का सामना करना पड़े। लेकिन आम नागरिकों को हर साल गर्मी की चक्की में पिसना पड़ता है।
बांध में पानी की स्थिति: आखिर गया कहाँ ये पानी?
- सिवनी का मुख्य जलस्रोत – भीमगढ़ बांध हर साल अप्रैल-मई तक जल से लबालब भरा रहता है। फिर ऐसा क्या हुआ कि इस बार इतनी जल्दी पानी खत्म हो गया? विशाल बांध का पानी कब, कैसे और गया कहाँ ???
- नगर पालिका अध्यक्ष, C.M.O. जिला प्रशासन और जिले के जन प्रतिनिधियों की चुप्पी क्यों ??
सिवनी की भोले शिक्षित नागरिकों से करबध्य अपेक्षा हैं की ताली और थाली खूब बजा लिये अब घर के पानी के खाली बर्तनों (गुंड, बाल्टी,डिब्बे) को बजाने की तैयारी करो।
इसके जिम्मेदार हैं?
C.M.O. महोदय ने ये तो बताया कि पानी बचाना चाहिए, लेकिन ये नहीं बताया कि बांध का पानी आखिर गया कहाँ? और ये भी नहीं बताया कि बांध में पानी कब तक भरा जाएगा?
जल आपूर्ति में अनियमितता: नप की विफलता
नगर पालिका के द्वारा जल आपूर्ति की व्यवस्था में भारी अनियमितता है। कई इलाकों में 4 दिन से पानी नहीं आया, तो कुछ क्षेत्रों में हर दिन आधे घंटे ही पानी मिल रहा है।
पानी का वितरण:
- निष्पक्ष नहीं है
- संतुलित नहीं है
- योजनाबद्ध नहीं है
जिससे जल संकट और अधिक भीषण होता जा रहा है।
समाधान क्या है? नगर पालिका की योजनाएं कहाँ हैं?
C.M.O. द्वारा सिर्फ चेतावनी जारी करना पर्याप्त नहीं है। जनता को यह जानना जरूरी है कि:
- नगर पालिका ने कितने टैंकर लगाए?
- कितने क्षेत्रों में बोरवेल खुदवाए गए?
- जल स्रोतों की सफाई कब और कितनी बार हुई?
- पानी भरने की वैकल्पिक योजनाएं क्या हैं?
- क्या जल वितरण के लिए वार्ड स्तर पर समितियां बनाई गई हैं?
जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, तब तक नगर पालिका की चेतावनी केवल एक औपचारिकता मात्र लगती है।
जनता की आवाज़ को सुनना ज़रूरी है
आज जरूरत है कि नगर पालिका फील्ड में उतरकर वास्तविक स्थिति का निरीक्षण करे। C.M.O. स्वयं नगर भ्रमण करें, और जनता से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जमीनी स्तर पर समझें। जनता को सिर्फ दिशा-निर्देश नहीं, बल्कि जल की सुविधा, राहत योजनाएं और नियमित आपूर्ति चाहिए।
समाधान के सुझाव: जल संकट से निपटने के उपाय
हम नीचे कुछ कारगर सुझाव दे रहे हैं जिन्हें अपनाकर सिवनी नगर में जल संकट से राहत मिल सकती है:
- प्रत्येक वार्ड में पानी के टैंकर की नियमित व्यवस्था।
- आपातकालीन जल वितरण कंट्रोल रूम की स्थापना।
- हर मोहल्ले में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्यता।
- जन सहभागिता के तहत ‘जल प्रहरी’ समिति का गठन।
जनता को जवाब चाहिए, न कि औपचारिक संदेश
नगर पालिका को यह समझना होगा कि प्रेस विज्ञप्ति से केवल जिम्मेदारी से भागना नहीं चलेगा। जनता को पानी चाहिए, योजना चाहिए और समाधान चाहिए। C.M.O. महोदय से निवेदन है कि वे जनता की पीड़ा को गंभीरता से लें, और ठोस कदम उठाएं। पानी जीवन है, और इससे वंचित नागरिकों की तकलीफों की अनदेखी अब नहीं होनी चाहिए।