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सिवनी के विजय नंदन ने PM मोदी और चुनाव आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में दर्ज कराई याचिका

By SHUBHAM SHARMA

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Vijay Nandan PM MODI
सिवनी के विजय नंदन ने PM मोदी और चुनाव आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में दर्ज कराई याचिका

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Seoni News: चुनावों में उम्मीदवारों की भूमिका, उनके दस्तावेज़, मतदान प्रक्रिया और मतगणना से जुड़े कई अदालती मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं। हालाँकि, हाल ही में एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है, जो चुनावी इतिहास में विशेष चर्चा का विषय बन रहा है। इस याचिका में न केवल एक उम्मीदवार ने अपना नामांकन रद्द होने का मुद्दा उठाया है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) को भी इसमें पक्षकार बनाया गया है। आइए इस मामले का विस्तार से विश्लेषण करें।

याचिका का आधार और इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल मामला

यह मामला तब सामने आया जब मध्य प्रदेश के सिवनी (SEONI) जिले के युवा संत विजय नंदन (VIJAY NANDAN) ने वाराणसी लोकसभा चुनाव के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की। उनका आरोप है कि वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से उनका नामांकन बिना किसी ठोस कारण के रद्द कर दिया गया था। इसके बाद, विजय नंदन (VIJAY NANDAN) ने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, और कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है, जिसके बाद सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

वाराणसी लोकसभा सीट का महत्व

वाराणसी लोकसभा सीट को देश की सबसे प्रतिष्ठित सीटों में गिना जाता है। यह सीट उत्तर प्रदेश की राजनीति में बेहद अहम मानी जाती है क्योंकि यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हैं और विजयी होते हैं। प्रधानमंत्री के खिलाफ दायर यह याचिका स्वाभाविक रूप से मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बन गई है।

सिवनी के विजय नंदन का दावा और नामांकन विवाद

विजय नंदन, जो कि सिवनी के एक युवा व्यवसायी और संत हैं, ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव के कारण उनका नामांकन रद्द किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि उनका नामांकन बिना किसी उचित कानूनी प्रक्रिया के रद्द किया गया, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन है। इसके बाद उन्होंने निर्वाचन आयोग, वाराणसी के जिला निर्वाचन अधिकारी, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याचिका में पक्षकार बनाया।

यह अपने आप में एक अनोखा मामला है क्योंकि इस प्रकार की याचिका देश के चुनावी इतिहास में पहली बार सामने आई है, जहां किसी उम्मीदवार ने नामांकन रद्द होने के खिलाफ इतनी बड़ी कानूनी लड़ाई लड़ी है।

राजनीतिक दबाव और न्याय की उम्मीद

विजय नंदन ने कहा है कि उनके नामांकन को रद्द करना उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है। उनके अनुसार, यह कदम राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया, ताकि विपक्षी दलों को किसी भी तरह से चुनौती न मिल सके। नंदन का कहना है कि उन्होंने न्याय के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और उन्हें न्याय की पूरी उम्मीद है।

सिवनी के विजय नंदन का राजनीतिक सफर

विजय नंदन एक संत और सफल व्यवसायी हैं, जिनका बैटरी उद्योग में बड़ा कारोबार है। इससे पहले भी वह मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के खिलाफ बुदनी क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। उस समय भी वह कांग्रेस से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था।

विजय नंदन की इस राजनीतिक सक्रियता और चुनावों में भागीदारी ने उन्हें स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दी है।

अदालती मामले का संभावित प्रभाव

विजय नंदन द्वारा दाखिल की गई यह याचिका एक महत्वपूर्ण अदालती मामला बन गया है, जिसका असर भविष्य के चुनावी मामलों पर पड़ सकता है। यदि कोर्ट में यह साबित हो जाता है कि नंदन का नामांकन राजनीतिक कारणों से रद्द किया गया था, तो यह मामला निर्वाचन आयोग और अन्य संबंधित संस्थानों के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है।

इस प्रकार के मामलों से यह स्पष्ट होता है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए न्यायपालिका की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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