सिवनी- महिलाओं को पुरुषों के समान बराबर का दर्जा देने का दावा करने वाले देश और प्रदेश की सच्चाई की पोल खोलता हुआ यह वीडियो पूरा जरूर देंखे. . और मंथन करें कि क्या वाकई मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारी कर्मचारी महिला कर्मियों के साथ न्याय करने की और उनका सम्मान करने की भावना से कार्य कर रहे हैं ? जी नहीं …. इस बारे में श्री सीपी पांडेय उप वन मंडल अधिकारी सिवनी जो स्वयं मौके पर मौजूद थे और वीडियो में दिखाई दे रहे हैं उनसे पूछा गया तो उनका जवाब और भी आश्चर्यजनक और हैरतअंगेज था उन्होंने तो उस महिला को ही दोषी करार देते हुए कहा कि जब शिकायत में उसका नाम ही नहीं था तो वह क्यों ग्रामीणों की उस बैठक में गई ? उनका कहना था कि उनकी जानकारी अनुसार किसी ने उस महिला को मजबूर नहीं किया था और ना ही किसी ने उसे माफी मांगने कहा था पांडेय के अनुसार वह स्वयमेव डिप्टी रेंजर हरवेंद्र सिंह बघेल को बचाने हेतु अचानक एकाएक खड़े होकर उनकी तरफ से हाथ जोड़कर माफी मांगने लगी.. वे चाह कर भी उसका हाथ पकड़कर जबरदस्ती नहीं रोक सकते थे… उनका यह भी कहना था कि उस महिला ने यूनिफॉर्म में माफी मांग कर ना सिर्फ विभाग को अपमानित किया है बल्कि उन्हें भी अपमानित होना पड़ रहा है जिसके कारण वन अधिकारियों की फेसबुक सोशल मीडिया में थू थू हो रही है
उनका यह भी कहना था कि वे उस महिला के खिलाफ कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन वन मंडल अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे . .. . यहां सोचनीय है कि क्या वाकई उस महिला ने बिना किसी पताड़ना के एकाएक माफी मांगी या उसे किसी अन्य ने उस हेतु मजबूर किया ? मेरा प्रयास है कि राठौर नामक महिला सिवनी वन परिक्षेत्र की उस महिला की बाइट लेकर सच्चाई सामने लाऊं जो उपलब्ध होते हैं प्रस्तुत करूंगा यद्यपि महिलाएं प्रताड़ना की बात सार्वजनिक रूप से कहने में संकोच करती हैं.. . उच्च अधिकारी क्या निष्पक्ष जांच करेंगे ?
इस संबंध में अनेक सेवानिवृत्त वन कर्मचारियों / अधिकारियों ने मेरी टाइमलाइन पर Facebook पर उनकी प्रतिक्रिया दी है जिनमें से पूर्व एसडीओ फारेस्ट सिवनी S K वास्तवा जो इंदौर में रहते हैं और पूर्व उपवन संरक्षक के कमैंट्स मैंने प्रस्तुत किए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने ईमेल पर मुख्य वन संरक्षक को लेख करते हुए सी. डी. भेजी है और महिला आयोग को भी लेख कर रहे हैं