सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की पारदर्शिता और ईमानदारी पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। 108 एम्बुलेंस सेवा, जिसे आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए जाना जाता है, अब एक कथित डीजल घोटाले की वजह से सुर्खियों में है।
वायरल वीडियो से खुलासा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने लोगों को सकते में डाल दिया है। इस वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि 108 एम्बुलेंस में डीजल भरवाने के दौरान आधा डीजल वाहन की टंकी में और आधा कुप्पियों व गैलनों में भरा जा रहा है। वीडियो की सत्यता की पुष्टि भले ही आधिकारिक रूप से न की गई हो, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह फुटेज लगभग 8 से 10 दिन पुराना है।
मिलीभगत की आशंका
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह घोटाला 108 एम्बुलेंस सिस्टम को मॉनिटर करने वाली एजेंसी और जिला मैनेजर की आपसी मिलीभगत का परिणाम हो सकता है। यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह सीधे-सीधे जनता की जान से खिलवाड़ के बराबर है।
उठते सवाल
इस घटना ने कई गंभीर और चिंताजनक सवाल खड़े कर दिए हैं:
- क्या जनता की सेवा में तैनात 108 एम्बुलेंस सेवा में इस तरह का भ्रष्टाचार हो रहा है?
- क्या जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेंगे?
- क्या यह केवल एक वीडियो तक सीमित है या इससे भी बड़ा घोटाला है?
- क्या यह एक ‘खुलेआम भ्रष्टाचार’ की मिसाल नहीं है?
जनता में आक्रोश, निष्पक्ष जांच की मांग
वीडियो वायरल होने के बाद से स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखा जा रहा है। लोग मांग कर रहे हैं कि मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की जाए। दोषियों को पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
108 सेवा की साख पर दाग?
108 एम्बुलेंस सेवा को देशभर में आपातकालीन सेवाओं के लिए एक जीवन रक्षक प्रणाली माना जाता है। यदि इसमें घोटाले जैसी घटनाएं होती हैं, तो यह ना सिर्फ जनता की जान जोखिम में डालता है, बल्कि सरकार और प्रशासन की छवि को भी धूमिल करता है।