सिवनी – मातृशक्ति को शर्मसार करने वाली घटना। सरेआम महिला वन कर्मी का माफी वाला वीडियो हुआ वायरल अधिकारियों की दम्बनगई अधिनस्त महिला कर्मचारी से मंगवाई सार्वजनिक माफी। कहा है महिलाओं के हक में कसीदे पड़ने वाली संस्था शक्ति ,समर्पण और ममता का प्रतीक नारी होती है इस देश में कहीं दुर्गा की तो कहीं काली की पूजा होती है इन सब के बाद भी नारी अबला बानी हुई है एक तरफ तो सरकार महिलाओं के लिए कई महत्पूर्ण कदम उठा रही वही दूसरी तरफ महिलाओं के शोषण के कई मामले सामने आ रहे है ताज़ा मामला सिवनी का है ।
सोशल मीडिया में इन दिनों एक महिला वनकर्मी का सार्वजनिक रूप से हाथ जोड़कर गाव के सेकड़ो ग्रामीणों के सामने माफी मांगने का वीडियो सुर्खियों पर है ।ये वीडियो सिवनी जिले के कोकिवाड़ा गाव का बताया जा रहा है ।वीडियो के पीछे की कहानी जो बताई जा रही है वो इस प्रकार है की जिले वन परिक्षेत्र सिवनी के ग्राम कोकिवाड़ा में विगत कुछ दिनों पूर्व समीप के जंगल में बकरी चारने गए वर्ध आदिवासी रमलू गोंड को महिला बीट गार्ड द्वारा ठप्पड मारे गये, जिसके बाद आदिवासी बहुल्य इस ग्राम के कई महिला पुरुष थाना डुंडा सिवनी पहुचे जहा उनके द्वारा आरोपी महिला कर्मी के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने का आवेदन भी दिया।
बदले घटना क्रम के मध्य इसी रेज में पदस्थ डिप्टी रेंजर सक्रिय हुआ और मामले को ग्राम वासियो के साथ पुलिस व वन अधिकारियों की उपास्थि में मामले सुलझाने पर सहमति बनी ।
सोशल मीडिया की खबर के अनुसार 25 अगस्त को ग्राम कोकिवाड़ा में खुले आसमान के नीचे चर्चा हुई जहा एस डी ओ पी वीं पांडेय ,वन परीछेत्र अधिकारी बी पी तिवारी भी मौजूद थे पीड़ित व्रद्ध रमलू तराम ओर कौशल्या के अनुसार उनके साथ वन विभाग के डिप्टी रेंजर बघेल ओर बीट गार्ड मधुलिका भी मौजूद थी
कुछ घण्टे चली चर्चा के बाद ग्रामीणों के सामने बीट गार्ड मधुलिका से भरी सभा मे हाथ जोड़कर माफी मंगवाई गयी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में भी जारी हुआ।
वीडियो और पूरे घटना क्रम की पड़ताल की गई तो कुछ और ही तथ्य सामने आए जो अपने दर्शकों के सामने रखना जरूरी है
इस वीडियो में एक महिला जो कि वन कर्मी की ड्रेस में है जिसके साथ उसके सीनियर अधिकारी भी कुर्सी में बैठे है साथ ही उनके साथ कुछ और लोग विराजमान है जो कि अपने आप को किसी जज से कम नही समझ रहे है वही कुछ राहचलते लोग भी इस घटना के गवाह बनने की चाहत में मोटरसाइकलों में तमाशबीन की तरह बैठे है। वीडियो में आप देखेंगे कि महिला वन कर्मी अपने अधिकारियों और सामने बैठे लोगों से बड़ी विनम्रता से पहले तो अपने दोनों हाथ जोड़ती है फिर उनसे अपने अधिकारियों से हुई गलती कि माफी मांगती है जिसमे उन्होंने डिप्टी साहब का ज़िक्र किया है। साथ मे रमलू काका और फिर कौशल्या बाई के तरफ देख कर अधिकारियों से हुई गाली गलौच और मारपीट की बार बार माफी मांगी ।इसी बीच सामने बैठे किसी युवक की आवाज़ आती है कि मैडम थोड़ा शर्मिन्दा भी हो ।जिसके बाद महिला कर्मी कहती है कि हाथ जोड़कर माफी मांग रही हूँ भैय्या।
तो देखा आपने एक महिला को
वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी और गाव के दबंग लोग कैसे शर्मिंदा कर रहे क्या ये मध्यप्रदेश में कोई खाप पंचायत या तालिबानी कानून की जीती जागती तस्वीर नही दिख रही हम मानते है कि गलती की माफी मांगना संस्कार के दायरे में आता है लेकिन इस तरह से किसी महिला से माफी मंगवाना कोनसे से संस्कार या कानून में है?
अब हम आपको जो दस्तावेज़ दिखाने जा रहे है ये दस्तावेज़ इसी प्रकरण से जुड़े हुए है ।
1-थाने की प्राथमिकी
इस थाने की रिपोर्ट में कही भी महिला कर्मचारी का नाम नही है इसमें साफ साफ स्पस्ट है कि आदिवासी रमलू वर्ध के साथ डिप्टी रेंजर बघेल ने मार पीठ की है। जिसके गवाह अनेको लोग है जिनके द्वारा ये शिकायत सिवनी के डूंडा सिवनी थाने में दर्ज की गई है।
2 -पुलिस अधिकछ सिवनी को शिकायत
दूसरे दस्तावेज में भी जो की शिकायत के तौर पर पुलिस कप्तान को दिया गया है उसमें भी महिला कर्मचारी का कही नाम नही है उसमें फारेस्टर हरवेंद्र बघेल डिप्टी रेंजर का नाम है।
3 हस्ताक्षर युक्त पंचनामा
ग्रामीणों और वन समिति के सदस्यों के द्वारों जो पंचनामा बनाया गया है उसमें भी बघेल के द्वारा मारपीट और गाली गलौच का ज़िक्र किया गया है ।
अब पूरे मामले में चोकाने वाली बात यह है कि इस घटना क्रम दौरान मार पीट और गालीगलौच के मुख्यआरोपी डिप्टी रेंजर बघेल के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही क्यो नही हुई जबकि सारे दस्तावेज़ डिप्टी रेंजर बघेल के खिलाफ है ।
पूरे घटना क्रम से स्पष्ठ होता है कि कोई भी रसूखदार अधिकारी अपने अधिनस्त कर्मचारियों का किस तरह से शोषण करता है अपनी की हुई गलती का ठीकरा किसी अधिनस्त कर्मचारी पर कैसे फोड़ता है अपनी तानाशाही के दम पर महिला कर्मचारियों का शोषण करना भी नही छोड़ते।