सिवनी(संजय सिंह)। कांग्रेस के प्रदेश की कमान कमलनाथ और जिले की कमान राजकुमार पप्पू खुराना के हाथों में आने के बाद आंदोलन और ज्ञापन का सिलसिला दौडऩे लगा है। आंदोलन एवं ज्ञापन कार्यक्रम में कांग्रेसजनों की संख्या भी निरंतर बढऩे लगी है। स्थानीय मामलों में फिलहाल कांग्रेस के निशाने पर एक मात्र नगर सरकार ही है। चुनाव पूर्व सशक्त विपक्ष का अहसास जनता को कराने के लिए केवल नगर पालिका सिवनी इस वक्त अर्जुन के लक्ष्य की भांति कांग्रेसियों को दिख रही है। भावांतर के भंवर में फंसा किसान, शिक्षा का अधिकार अधिनियम की उड़ रही धज्जियां,जिले के 800 से अधिक किसानों का रूका हुआ समर्थन और भावांतर का मूल्य का भुगतान सहित अनेक समस्याओं से घिरा जिला अब नगर पालिका सिवनी के सामने गौण हो गया है। कांग्रेसियों का जुझारूपन अब इस हद तक पहुंच चुका है कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नाम पर जमा हुआ घूरा भी इनकी पैनी निगाह से बच नहीं सका। कांग्रेसजनों ने बींझावाड़ा, कंडीपार मार्ग पर नगर पालिका द्वारा एकत्रित किया गया घूरा के सामने पहुंचकर नगर सरकार, विधायक , सांसद के विरोध में नारे लगाये और मूक बधिर घूरा चुपचाप सुनता रहा।
होना तो यह चाहिए था
बींझावाड़ा से कंडीपार मार्ग पर नगर पालिका सिवनी द्वारा ठोस अपशिष्ट के लिए शासन से राजस्व भूमि ली गई है। नगर पालिका द्वारा शहर का कूड़ा करकट यहां फेंका जा रहा है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए शासन से मिली करोड़ो की राशि की घोटाले बाजी के चलते कचरा शुद्धिकरण प्लांट नहीं होने से कूड़ा करकट बदबू मार रहा है यह सच है। संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है। मानव स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा कांग्रेस ने उठाया यह काबिले तारीफ है, क्योंकि यह वोटों की राजनीति से ऊपर उठकर की गई सार्थक पहल है, किंतु कांग्रेसजनों को इस गंभीर मामले में नगर सरकार के नुमाइंदो, क्षेत्रीय विधायक, सांसद द्वय और नपा में बैठा प्रशासनिक अमला के सामने बात उठानी चाहिये थी। आंदोलन करना था और घूरा की जगह उनका घेराव करना था। नाथ के कांग्रेसियों ने यह तो किया नहीं सीधे घूरे के सामने पहुंचकर मुर्दाबाद के नारे लगाकर ऐसा विरोध प्रदर्शन किया कि हांका से डर कर घूरा भाग जाये। लब्बो लबाब यह है कि जो करना चाहिए था वो किया नहीं और वो कर गये जो करना नहीं था।
शायद डर कर भाग जाये घूरा
जिला कांग्रेस द्वारा मूक घूरे के सामने किया गया आंदोलन सीधे सीधे यही बयां कर रहा है कि कांग्रेसजनों की ललकार सुनकर घूरा भाग जायेगा और क्षेत्र दुर्गंध मुक्त हो जायेगा और मानव स्वास्थ्य पर संक्रामक बीमारी का खतरा भी काफूर हो जायेगा। कमोवेश ऐसा कुछ होने वाला नहीं है क्योंकि घूरे ने कांग्रेसजनों की ललकार को हल्के में ले लिया और बेशर्मो की तरह वहीं डटा हुआ है।
आंदोलन बाद वहीं नाश्ता
कांग्रेसजनों ने कुछ ग्रामीणों के साथ घूरे के सामने धरना प्रदर्शन, मुर्दाबाद की नारेबाजी इसलिए की क्योंकि उसकी बदबू से समूचा क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। बात भी सही है, किंतु आश्चर्य यह है कि आंदोलन बाद कांग्रेसजनों ने बदबू की भरमार के बीच नाश्ता कैसे कर लिया। यही नहीं नाश्ते के लिये उपयोग में लाये गये डिस्पोजल, प्लेट, गिलास घूरे में फेंक कर घूरे के ढेर को और बढ़ा दिया।
नया तरीका किया ईजाद
घूरे के सामने कांग्रेसजनों ने आज जो आंदोलन किया उससे आंदोलन का नया तरीका ईजाद हो गया है। अब लगता है कि यदि विद्युत समस्या होगी तो बिजली आफिस के सामने नहीं कांग्रेस विद्युत पोल का घेराव करेगी। पानी सप्लाय की समस्या हुई तो नगर पालिका का नहीं सुआ खेड़ा, श्रीवनी प्लांट और पाईप लाईन को ललकारा जायेगा। साफ सफाई नहीं होने पर नालियों में धरना दिया जायेगा। बदहाल सड़क, पुलिया, पुल को लेकर संंबंधित अधिकारी की बजाये सड़क, पुलिया से बात की जायेगी और उन्हें ही ज्ञापन सौंपा जायेगा। मोक्षधाम की समस्या पर ऊपर पहुंच चुके लोगों को ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा।
ये घुरंधर रहे शामिल
आज घूरा आंदोलन में जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार खुराना, नगर अध्यक्ष इमरान, महिला कांग्रेस महामंत्री श्रीमती अल्पना राणा, जिला कांग्रेस प्रवक्ता जकी अनवर खान एडव्होकेट, पूर्व प्रदेश सचिव राजा बघेल,पूर्व नपा उपाध्यक्ष राजिक अकील, युवक कांग्रेस अध्यक्ष आनंद पंजवानी, ब्रजेश लल्लू बघेल, मंडी अध्यक्ष पदम सनोडिया, किसान कांग्रेस अध्यक्ष रामायण सिंह, पार्षद तृप्ति नामदेव, शफीक पार्षद, शिव सनोडिया सहित अन्य नाथ के कांग्रेसी शामिल थे।