सिवनी: मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में बाघ का आतंक बढ़ता जा रहा है. बीट सांवगी के ग्राम सावरीट (बिछुआ) निवासी 45 वर्षीय महिला की बाघ के हमले में मौत हो गयी. आज 08 नवंबर दिन बुधवार की सुबह बाघ ने महिला पर हमला किया जिससे महिला की घटनास्थल पर मौत हो गई।
इस घटना से ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रह है, महिला की मौत के बाद ग्रामीण धरने पर बैठे हैं और मांग की जा रही है कि बाघों को यहां से पकडकर ले जाओ।
आज बुधवार की सुबह दक्षिण सिवनी (सामान्य) वनमण्डल के कुरई परिक्षेत्र अंतर्गत राजस्व एवं वनक्षेत्र में आज हुई इस घटना के साथ ही बीते दो माह में बाघ द्वारा जनहानि एवं जनघायल के कई प्रकरण घटित हुए थे. इसकी वजह से ग्रामीणों में भय और आक्रोश बना हुआ है।
बीते 2 माह से हो रही घटनाओं से ही दल गठित किये गए थे और गश्ती के साथ ही जन जागरूकता हेतु मुनादी कराई जा रही थी. इसके साथ ही दल द्वारा बाघ की लोकेशन पता कर उसे रेस्क्यू करने हेतु प्रयास भी किये जा रहे थे लेकिन उसमे विभाग को सफलता नहीं मिल पाई थी।
पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम एवं वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन ट्रस्ट के वन्यप्राणी चिकित्सकों का दल गठित कर बाघ के रेस्क्यू हेतु लगभग एक सप्ताह से प्रयास किया जा रहा था। क्षेत्र में हाथियों एवं वन अमले के विभिन्न दल गठित कर बाघ का अनुश्रवण कार्य किया जा रहा था।
बुधवार को कुरई परिक्षेत्र की गोरखपुर बीट अंतर्गत ग्राम करजमारा के राजस्व क्षेत्र में बाघ के उपस्थित होने के प्रमाण प्राप्त होने पर वन्यप्राणी चिकित्सकों के दल द्वारा वन्यप्राणी बाघ को निश्चेत कर सफलतापूर्वक रेस्क्यू कार्य किया गया। रेस्क्यू उपरांत प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) भोपाल की अनुमति प्राप्त कर बाघ को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल भेजा गया है।
बुधवार की दोपहर को एक अन्य बाघ ने खेत में धान काट रही किसनी बाई (45) पति बलीराम उइके निवासी ग्राम सांवरीट पर हमला कर दिया जिससे उसकी घटना स्थल पर मौत हो गई है। घटनाक्रम से आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा धरना दिया जा रहा है और घटनास्थल से शव को नहीं उठाने दिया जा रहा है। उनकी मांगें हैं कि मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाये। इस दौरान ग्रामीणों ने वनकर्मियों पर हमला भी किया है जिससे वह घायल हुए हैं। जिनका उपचार जारी है।
वनमंडलाधिकारी ने बताया कि वह मृतक के परिजनों से मिले और उनके शासन द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि का चेक भी दिया और उन्हें लिखित में मृतक के परिजनों के घर से एक व्यक्ति को सुरक्षा श्रमिक में नौकरी देने की बात कही। लेकिन परिजनों द्वारा चेक व सुरक्षा श्रमिक नौकरी हेतु लिखित पत्र भी लेने से इंकार कर दिया है।
जिला प्रशासन , पुलिस प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा समझाइश दी जा रही है। लेकिन ग्रामीण अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और मृतिका के शव का पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार नहीं करने दे रहे हैं। ग्रामीण बाघों को अन्यत्र ले जाने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि कुरई थाना अंतर्गत बाघ के हमले से एक महिला की मौत हो गई है जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। वर्तमान में आचार संहिता लागू है। शासन के अनुसार मृतकों के परिजनों को सहायता राशि दी जायेगी।
बुधवार की सुबह एक आदमखोर बाघ को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर वन विहार भोपाल भेजा है। वहीं अन्य आदमखोर बाघ को भी पकड़ने का प्रयास वन विभाग द्वारा किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा समझाइश दी रही है।