सिवनी -बाल विवाह रोकने के लिए महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा लाडो अभियान संचालित किया जा रहा है। लाडो अभियान के अंतर्गत अक्षय तृतीया और विशेष तिथियों के दौरान बाल विवाह की रोकथाम के लिये कलेक्टर श्री गोपालचंद डाड ने जिले के सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजकों, सभी धर्मगुरू, समाज के मुखिया, हलवाई, केटरर, बैंडवाले, घोडीवाले, ट्रांसपोर्ट, प्रिंटिंग प्रेस के प्रबंधक, ब्यूटी पार्लर, संचालक मंगल भवन और अन्य संबंधितों से अनुरोध किया है कि वे किसी विवाह या समारोह में शामिल होने से पहले यह अवश्य देख लें कि कहीं वो बाल विवाह तो नहीं है। यदि बाल विवाह हो तो इसे रोकने में शासन को सहयोग प्रदान करें। उन्होंने सभी विभागों को भी इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
बाल विवाह रोकना या इसे हतोत्साहित करना हर समझदार और कानून प्रिय व्यक्ति की जिम्मेदारी है, इसलिये यह अवश्य सोचें कि कहीं आप 18 वर्ष से कम उम्र की लाडली बिटिया का विवाह करके उसकी जिदंगी अनजाने जोखिम में डालने तो नहीं जा रहे हैं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में दण्ड प्रावधान के अंतर्गत बालिका की आयु 18 वर्ष और बालक की आयु 21 वर्ष से कम नहीं होना चाहिये। इस अधिनियम से संबंधित प्रकरण की सुनवाई के लिये जिला न्यायालय सक्षम न्यायालय है तथा बाल विवाह किये जाने पर 2 वर्ष के कारावास, एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।
बाल विवाह करवाने से पहले ये जरूर पढ़े
Published on: