उच्च न्यायालय की इंदौर खण्डपीठ ने दिया प्रक्रिया पर स्थगन!
सिवनी । नगर पालिका परिषद के अंतर्गत प्रस्तावित 36 वार्ड की बजाय पूर्व की भांति 24 वार्ड ही रहेंगे। माननीय उच्च न्यायालय की इंदौर खण्डपीठ के द्वारा प्रदेश सरकार के द्वारा नगरीय निकायों के परिसीमन ओर विखण्डन की प्रक्रिया पर स्थगन दे दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने खबरसत्ता को बताया कि भारतीय जनता पार्टी के आला नेताओं को जैसे ही इस फैसले की जानकारी मिली, प्रदेश भाजपा सक्रिय हो गयी है। सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह ने कहा है कि उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि नगरीय निकायों का परिसीमन और विखण्डन नहीं किया जा सकता। अतः भोपाल नगर निगम के विखण्डन की प्रक्रिया को भी त्वरित प्रभाव से स्थगित किया जाना चाहिये। प्रदेश अध्यक्ष ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर भोपाल नगर निगम के विखण्डन की प्रक्रिया को स्थगित करने की माँग की है।
सूत्रों ने बताया कि पत्र में उन्होंने कहा है कि भोपाल नगर पालिक निगम की सीमाओं के परिवर्तन के संबंध में कलेक्टर भोपाल द्वारा जारी अधिसूचना नगरीय विकास एवं आवास विभाग की अधिसूचना दिनाँक 23 जनवरी 2019 पर आधारित है। इसके माध्यम से नगर पालिक अधिनियम 1956 धारा 405(1) के तहत कुछ क्षेत्रों को घटाने और बढाने के संबंध में प्रकाशन हेतु अधिकार जिला कलेक्टर को सौंपे गये थे, लेकिन उच्च न्यायालय इंदौर की खण्डपीठ द्वारा इस अधिसूचना को स्थगित कर दिया गया है। अतः भोपाल नगर पालिका के संबंध में सीमाओं को परिवर्तित करने संबंधी कोई कार्यवाही करने का अधिकार शासन को नहीं रह जाता। इसलिये इस प्रक्रिया को स्थगित किया जाना चाहिये। प्रदेश अध्यक्ष के पत्र की प्रति प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास तथा सभी जिला कलेक्टरों को भेजी गयी है।
सूत्रों ने आगे बताया कि माननीय उच्च न्यायालय की इंदौर खण्डपीठ में दिलीप शर्मा एवं भारत पारेख की जनहित याचिका क्रमाँक 23484 / 2019 एवं 19349 / 2019 में यह अंतरिम निर्णय माननीय न्यायधीश एस.सी. शर्मा एवं माननीय न्यायधीश शैलेंद्र शुक्ला की युगल पीठ ने दिया है।
सूत्रों का कहना है कि इस आधार पर मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों में वार्ड की संख्या एवं उनका आकार घटाने बढ़ाने की कवायद पर भी स्थगन मिल गया है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा के नेताओं के द्वारा विधि विशेषज्ञों से इस मामले में सलाह मशविरा किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना था कि इस स्थगन के बाद अब इस मामले की अगली सुनवायी 02 दिसंबर को नियत की गयी है। इधर, विधि विशेषज्ञों के अनुसार सिवनी जिले की इकलौती नगर पालिका परिषद में वर्तमान 24 वार्ड्स की संख्या बढ़ाकर 36 किये जाने का मामला अब ठण्डे बस्ते के हवाले हो सकता है।