सिवनी/केवलारी, विनोद सिसोदिया: महाविद्यालय केवलारी में अनुशासनहीनता का मामला सामने आया है प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार महाविद्यालय केवलारी पर पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रामकुमार रक्सेल तथा सहायक प्राध्यापक (अंग्रेजी) डॉक्टर मनोज कुमार टेंभरे के बीच बैठक व्यवस्था के संदर्भ में विवाद कुछ इस कदर बढ़ा कि मामला दोनों के बीच अमर्यादित शब्दों तक नही थमा जबकि एक दूसरे को हाथापाई तक की नौबत आ गई.
दोनों और से जमकर अमर्यादित शब्दों के प्रयोग के साथ धमकी तक दी जब विवाद को बढ़ता देख महाविद्यालय के प्राचार्य ने बीच बचाव की कोशिश की तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के द्वारा अमर्यादित व्यवहार महाविद्यालय के प्राचार्य डा एस. एन डेहरिया के साथ भी किया गया.
यहां पूरी घटना महाविद्यालय परिसर में लगे कैमरे में भी दर्ज हो गई दरअसल, कॉलेज के स्टाफ के द्वारा बताया गया कि महाविद्यालय केवलारी में इसके पूर्व में भी कई बार इस तरह की घटना हुई है परंतु ऐसे मामलों को नजर अंदाज करना जिम्मेदारों के द्वारा बड़ी भूल साबित हो रही और आने वाले समय में किसी बड़ी घटना की आहट प्रतीत होती है।
शासकीय पदों में पदस्थ प्राध्यापक या कर्मचारी पदों की गरिमा का आचरण विपरीत होना कहीं ना कहीं शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले महाविद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा हैं। प्राध्यापकों को समाज में बच्चों को सही दिशा देने का कर्तव्य होता है पर कहीं ना कहीं ऐसे कृत्य के सामने आने से छात्र-छात्राओं के मानसिकता में दूषित प्रभाव जरूर पड़ता दिखाई दे रहा है जो की अत्यंत चिंतनीय है।
महाविद्यालय में हुई उक्त कृत्य करीबन प्रातः 11:00 बजे के लगभग समय का है जो समय छात्र-छात्राओं की क्लासेस के शुरू होने का होता है बच्चों के क्लास में बैठकर जब अध्यापन कार्य आरंभ हो रहा था उसी वक्त विवाद के शोर से प्रभावित छात्र-छात्राएं अपनी अपनी क्लास को छोड़कर विवाद की साक्षी बनी, जो की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
कथन –
-अमृता बघेल (छात्रा कला संकाय) द्वतीय वर्ष:
जब हम कॉलेज आए थे और अपनी-अपनी क्लास में पहुंचे तो जोर-जोर से लड़ाई झगड़े की आवाज आ रही थी तो हम अपनी क्लास छोड़कर झगड़े को देखने के लिए नीचे आए तो वहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और सहायक प्राध्यापक के बीच गंदी-गंदी गालियां और हथाथपाई हो रही थी इस भयंकर झगड़े से हम डर गए और वापस अपनी क्लास में आ गए, यह सब नहीं होना चाहिए हमारे महाविद्यालय का वातावरण और हम छात्र छात्राओ में दूषित प्रभाव पड़ रहा है
-डा राजेश ठाकुर (सहा. प्राध्यापक) हिंदी
महाविद्यालय परिसर में इस तरह के अमर्यादित आचरण वाले व्यक्तियों से हम परेशान हैं इस तरह की अशिष्टा वाले आचरण से कहीं ना कहीं महाविद्यालय में कार्यरत प्राचार्य सहित प्राध्यापक एवं कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं में गहरा प्रभाव पड़ रहा है जहां तक छात्र-छात्राओं में अनुशासनहीनता देखने को मिल रही पर अब महाविद्यालय में कार्यरत जिम्मेदार गाली गलौज से लेकर हाथापाई करेंगे तो ये गलत है इसमें ठोस कार्यवाही की अपेक्षा है क्योंकि कही ना कही हम भी अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे
एस. एन डेहरिया (प्राचार्य) शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय केवलारी
आज की इस घटना से मैं खुद को प्रताड़ित महसूस कर रहा हूं एवं इस कृत्य से मानसिक तौर पर आहत हुआ हूं उक्त हुई घटना को लेकर मैं अपने उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लेने के साथ जो उचित कार्रवाई हो सकेगी वह करेंगे इसके लिए मैं पत्र भी लिख रहा हूं जिससे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो