सिवनी-श्रीमहाशिवरात्रि व्रत तिथि – निर्णय स.2074 विक्रमी ।
महाशिवरात्रि व्रत निशीथ व्यापिनी फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन यह व्रत किया जाता है ।यहाँ निशीथ शब्द से रात्रि के मध्यवर्ती(अष्टम )मुहुर्त ग्रहण करना चाहिए ।
परेद्युर्निशीथैकदेश – व्याप्तौ पूर्वेद्युः सम्पूर्णतद् व्याप्तौ पूर्वेव ।(धर्मसिन्धु )
इस वर्ष विक्रमी (संवत 2074) फाल्गुन कृष्ण चतर्दशी तिथी 13 फरवरी 2018ई० को पूर्ण रूप से निशीथ व्यापिनी है,जबकि 14 फरवरी को 24 घंटे -13 मि से 24घंटे 47 मि तक निशीथ काल के एकदेश(आंशिक) को व्याप्त है ।
(उ० भारत मे निशीथ काल लगभग 24 घंटे 13 मि से 25 घंटे 05 मि तक रहेगा ) इसलिए उपरोक्त शास्त्रनिर्देशानुसार यह व्रत 13फरवरी मंगलवार 2018 ई० के दिन ग्राह्य होगा ।
पूर्व दिने निशीथे परदिने प्रदोषे तदा पूर्वेव ।
अर्धरात्रात्पुरस्ताच्चेज्जया योगो यदा भवेत ।
पूर्वविध्दैव कर्तव्या शिवरात्रीः शिवप्रिया ।।
पद्मपुराण मे लिखा है कि, अर्धरात्र से पहले जया(त्र्योदशी का) योग हो तो शिव की प्यारी शिवरात्री पूर्वविध्दा ही करनी चाहिए ।
महतामपि पापानां दृष्टवा वै निष्कृति पुराः
न दृष्टा कुर्वतां पुंषां कुहू युक्तां तिथि शिवाम् ।।
इति स्कान्दे दर्शयोगस्य निन्दित़्वाच्च ।
स्कन्द पुराण मे लिखा है कि, बड़े बड़े पापों को भी निष्कृति पूर्वविध्दा है । पर अमावस युक्ता शिवरात्र करने मे नही देखी जाती ।यह अमावस्या के योग की निन्दा की है ।
इसलिए उपरोक्त शास्त्रनिर्देशानुसार महाशिवरात्री व्रत 13 फरवरी मंगवार 2018 के दिन ही ग्राह्य होगा ।