गोद लेने की प्रक्रिया में तेजी के लिए जिलाधिकारी को बनाया जाएगा फाइनल अथॉरिटी

By SHUBHAM SHARMA

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केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री (फाइल)
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री (फाइल)
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री (फाइल)

नई दिल्ली बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में लगनेवाले समय को कम करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जिलाधिकारी को ही फाइनल अथॉरिटी बनाने का फैसला किया है। इसके लिए जल्द ही जूवेनाइल जस्टिस ऐक्ट में संशोधन किया जा सकता है। इसके बाद गोद लेने की मंजूरी के लिए सक्षम अधिकारी सिविल कोर्ट की बजाय डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट होंगे। यह प्रस्ताव बुधवार को कैबिनेट के समक्ष रखा जा सकता है।

मंत्रालय का कहना है कि यह शिफ्ट कोर्ट में होनेवाली देरी और गोद लेने की प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास है। राज्यों के मंत्रियों के साथ केंद्रीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक के बाद मेनका गांधी ने कहा, ‘हम JJ ऐक्ट में संशोधन करने जा रहे हैं, जिससे कोर्ट की बजाय बच्चों को गोद लेने की मंजूरी के लिए सक्षम अधिकारी जिलाधिकारी हों।’ उन्होंने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि सिविल कोर्ट्स पर पहले से ही काफी दबाव है और ऐसे में गोद लेने जैसे मामलों में काफी देर हो जाती है।

अधिकारियों का कहना है कि कई मामले तो वर्षों से लंबित हैं जबकि गोद लेने की एक तय समयसीमा है। यह भी महसूस किया गया है कि चूंकि जिलाधिकारी एक जिले के इन-चार्ज होते हैं और उनकी पहुंच में सभी विभाग होते हैं। ऐसे में दस्तावेजों की जांच और उसे सत्यापित कराना आसान होगा। मेनका गांधी ने राज्यों से सभी चाइल्डकेयर संस्थानों को सेंट्रल एडॉप्शन रिसॉर्सेज एजेंसी के पास पंजीकृत कराने को कहा है।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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