कान्हीवाड़ा । शिक्षा बिना सब अधूरा है। शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जिससे हर कोई अच्छे बुरे के बारे में जान सकता है। शिक्षा से ही माता पिता या फिर ससुराल वालों का नाम रोशन किया जा सकता है।
यह तो शिक्षा का जुनून था जो सात फेरे (भांवर) के बाद विद्या ससुराल न जाकर शादी के लाल जोड़े में कक्षा बारहवीं की प्रायोगिक परीक्षा देने सीधे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कान्हीवाड़ा जा पहुँचीं।
कान्हीवाड़ा क्षेत्र के ग्राम रामपुर निवासी साहब लाल चंद्रवंशी की पुत्री विध्या की बारात शुक्रवार 22 फरवरी को खीरखीरी सुनवारा से आयी हुई थी। शुक्रवार को वे शादी की रस्मों को पूरा करने के लिये सारी रात जागीं, सात फेरे हुए, लेकिन बिदाई से पहले वे शनिवार को शादी के जोड़े में ही पेपर देने पहुँच गयीं।
दुल्हन के परिवेश में जैसे ही विद्या शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुँचीं वहाँ के सभी शिक्षकों ने दुल्हन बनी छात्रा का स्वागत किया एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिये कामना की।