(नरेश दिवाकर) मैं उन भाग्यशाली लोगों में से एक हूं जिसे अटल जी जैसे विराट व्यक्तित्व के साथ पूरा एक दिन प्रवास पर रहने का अवसर मिला । अभी भी उस गौरवशाली दिन को याद करके रोमांच से भर जाता हूँ ।
सिवनी- मध्यप्रदेश विधान सभा के चुनाव 1993 के समय मैं भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा का जिलाध्यक्ष था ।श्री महेश प्रसाद जी शुक्ला सिवनी से हमारे प्रत्याशी थे ।चुनाव प्रचार जोरों पर था ।अटल जी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे ।मुझे प्रदेश कार्यालय से सूचना आई कि अटल जी का सिवनी व छिंदवाड़ा का प्रवास कार्यक्रम बना है।उनकी आम सभा लखनादौन,सिवनी,छिंदवाड़ा में होगी।
उन्हें जबलपुर से लेकर आना है और छिंदवाड़ा सभा के बाद हवाई पट्टी छोड़ना है,जंहा से वे चार्टर प्लेन से इंदौर जाएंगे।मैं प्रसन्नता और रोमांच से भरा अपने मित्र संजय मालु के साथ रात को ही जबलपुर पहुंच गया ।
सबेरे 8.00 बजे श्री निर्मलचंद जी के निवास पर अटल जी के साथ नाश्ते के उपरांत हम एक ही कार में सिवनी के लिये रवाना हुए।कार में अटल जी के साथ बैठने की खुशी में व्यक्त नहीं कर पा रहा हूँ।हम चार लोग ही थे,अटल जी,उनके निज सचिव, संजय और मैं।
परिचय उपरांत उन्होंने दिन भर के कार्यक्रम की जानकारी ली।मैंने उन्हें बताया कि पहली सभा लखनादौन फिर सिवनी तत्पश्चात छिंदवाड़ा सभा शाम को है।
इसके बाद मुझे अटल जी के उस महान व्यक्तित्व के दर्शन हुए जिसके लिए वे जाने जाते हैं।उसी दिन सिवनी में कांग्रेस की नरसिंहराव जी की भी आम सभा थी।उनकी सभा के लिए ट्रकों व ट्रेक्टरों से भीड़ ले जाई जा रही थी,इस कारण रास्ते में कहीं कहीं ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही थी।मैंने थोड़ी नाराजगी भरे अंदाज में अटल जी को बताया।अटल जी ने अत्यंत गंभीर व समझाने वाले अंदाज में मुझे कहा कि इसमें नाराज होने वाली बात नहीं है,प्रधानमंत्री की सभा की रिपोर्टिंग सारे विश्व में जाती है इसलिए उनकी सभा सफल होनी ही चाहिए,अन्यथा अन्य देशों में अपने प्रधानमंत्री को लेकर गलत संदेश जाएगा ।मुझ जैसे छोटे से कार्यकर्ता से अटल जी द्वारा कहे गए वो वाक्य अभी भी मेरे मन मस्तिष्क से विस्मृत नहीं हुए हैं।सिवनी की मिशन ग्राउंड व छिंदवाड़ा के स्टेडियम की सफल सभा के बाद हम उन्हें छोड़ने एयर स्ट्रिप तक गए।जाते समय उन्होंने कहा दिल्ली आओ तो मिलना अवश्य।संयोग से विधायक बनने के बाद जब दिल्ली गया तब तक वे प्रधानमंत्री बन चुके थे।प्रधानमंत्री निवास पर मुलाकात के दौरान मैंने अपने जीवन की इस महत्वपूर्ण यात्रा की उनसे चर्चा भी की ।
एक प्रखर राष्ट्रवादी,कुशल राजनीतिज्ञ, कवि हृदय,महान व्यक्तित्व के धनी,सुचिता की राजनीति करने वाले,अटल इरादों वाले अटल जी के साथ बिताए गए कुछ घंटे मेरे जीवन के अमूल्य धरोहर के रूप में मेरे साथ रहेंगे।