सिवनी, मध्यप्रदेश: सावन का महीना, भोलेनाथ के जयकारे, और कांवड़ियों की टोली… लेकिन बनारस से अकोला की ओर बढ़ रही श्रद्धा की यह यात्रा सिवनी में एक भीषण हादसे में बदल गई। गुरुवार की रात करीब 10:30 बजे सेंटर प्वाइंट होटल के सामने तेज़ रफ्तार डंपर ने कांवड़ियों को कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे में 2 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 15 से 20 कांवड़िए गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
हादसे के बाद मची चीख-पुकार
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कांवड़ियों का दल सड़क के किनारे से गुजर रहा था। तभी अचानक तेज रफ्तार में आ रहे एक डंपर ने नियंत्रण खो दिया और सीधे कांवड़ियों के ट्रैक्टर के साथ पैदल चल रहे कांवड़ियों पर घुस गया। घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, लेकिन तब तक दो कांवड़िए जीवन की डोर तोड़ चुके थे।
घायलों का जिला अस्पताल में इलाज जारी
घायल कांवड़ियों को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार निगरानी में लगी है। वहीं, जिला प्रशासन ने घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
मृतकों की पहचान और शिनाख्त जारी
मारे गए कांवड़ियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। पुलिस उनके परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि ये कांवड़िए काशी बनारस से वापस अकोला महाराष्ट्र जा रहे थे।
श्रद्धा – हादसा और अनेक सवाल
सड़क पर चल रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा का जिम्मा किसका है? क्या भारी वाहनों पर नियंत्रण के इंतजाम पर्याप्त हैं? ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब प्रशासन को देना होगा। कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक है – और उसकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
यह घटना एक बार फिर सोचने पर मजबूर करती है कि सड़क सुरक्षा और धार्मिक यात्राओं के दौरान प्रशासनिक सतर्कता कितनी जरूरी है।