सिवनी — सिवनी जिले के बारापत्थर क्षेत्र में हुए सनसनीखेज पवन उर्फ सोनू पारासर हत्याकांड का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस जघन्य अपराध में पुलिस ने मुख्य आरोपी घनश्याम उर्फ नवीन प्रजापत (उम्र 19 वर्ष) को गिरफ्तार किया है, साथ ही दो विधि उल्लंघनकारी नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है।
हत्या की पृष्ठभूमि: ब्लैकमेलिंग और पैसों की लालच बनी वजह
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ अश्लील तस्वीरों को लेकर मृतक पवन पारासर, एक नाबालिग को ब्लैकमेल कर रहा था। यह जानकारी नाबालिग ने अपने मित्र घनश्याम प्रजापत को दी। इसके साथ ही मृतक के पास पैसों की जानकारी होने के कारण दोनों ने उसे मारने की साजिश रची।
ऐसे रची गई हत्या की साजिश
9 जुलाई 2025 की रात, पवन को एक नाबालिग ने बातचीत के बहाने अपने घर बुलाया। जैसे ही वह कमरे में पलंग पर बैठा, घनश्याम और दूसरा नाबालिग दोनों तरफ बैठ गए। अचानक घनश्याम ने धारदार चाकू से पवन की गर्दन पर हमला कर दिया। हमले के बाद उन्होंने 8-10 बार वार कर उसकी हत्या कर दी।
शव को छिपाने के लिए बनाई खौफनाक योजना
हत्या के बाद शव को घर के पीछे गड्ढे में डालकर पत्थरों से दबा दिया, ताकि किसी को शक न हो। खून को प्लास्टिक की बोतल में भरकर झाड़ियों में फेंक दिया गया और मृतक की स्कूटी व चाबी भी छिपा दी गई।
लूट के इरादे से भी की गई थी हत्या
मृतक के पास से करीब ₹7000 नकद बरामद हुए, जिससे आरोपी ने मकान मालिक को किराया चुकाया। नाबालिग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मृतक के घर में और पैसे होने की उम्मीद पर आरोपी घनश्याम ने उसकी चाबी से घर का ताला खोलने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाया।
गुमशुदगी से लेकर हत्या तक: पुलिस की सतर्कता लाई रंग
09 जुलाई की रात से ही पवन पारासर लापता था। परिजनों की शिकायत पर 10 जुलाई को कोतवाली सिवनी में गुम इंसान दर्ज किया गया। जांच में मानेगांव रोड के पास झाड़ियों में उसकी स्कूटी मिली। 12 जुलाई को एक गड्ढे में बुलबुले उठने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, जहां से शव बरामद हुआ।
संयुक्त टीम ने किया खुलासा
पुलिस अधीक्षक श्री सुनील मेहता के निर्देश पर एडिशनल एसपी दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन में डूंडासिवनी और कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई। सीएसपी पूजा पांडे के निर्देशन में तकनीकी मदद से आरोपियों तक पहुंचा गया।
गिरफ्तार आरोपी:
- घनश्याम उर्फ नवीन प्रजापत, पिता मदनपाल प्रजापत (उम्र 19), निवासी लुंग्सा, थाना बंडोल, वर्तमान में किरायेदार मानेगांव चौक सिवनी। स्थायी निवासी – भामडाका, जिला अलवर (राजस्थान)
- दो विधि उल्लंघनकारी बालक – नाम गोपनीय
सराहनीय कार्य करने वाली पुलिस टीम:
डूंडासिवनी पुलिस टीम
निरीक्षक सतीश तिवारी, उनि मनोज जंघेला, सउनि बालकृष्ण त्रिगाम, सउनि संजय बघेल, प्र.आर. सुंदर श्याम तिवारी, जयेन्द्र बघेल, आर. नितेश राजपूत, कृष्णकुमार भालेकर, धनराज वरकडे, रघुराज यादव, विक्रम देशमुख, मिथलेश सूर्यवंशी, रवि धुर्वे, अंशुमन राजपूत, चंद्रदीप हिवारे
कोतवाली पुलिस टीम एवं अन्य सहायक स्टाफ
निरीक्षक किशोर बामनकर, उनि दयाराम शरणागत, प्र.आर. मुकेश गोडाने, अमित रघुवंशी, अंकित देशमुख, सुधीर डेहरिया, लोकेश इरफान, सउनि देवेद्र जायसवाल, आर. अजय बघेल (तकनीकी सहायता), फिंगर प्रिंट प्रभारी रितु उइके, सौमित्र उपाध्याय, बीडीएस टीम छिंदवाड़ा:
यह हत्याकांड ना केवल समाज को झकझोर देने वाला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे नाबालिग उम्र में युवाओं का अपराध की ओर झुकाव खतरनाक रूप ले सकता है। सिवनी पुलिस की तत्परता और तकनीकी सक्षमता से इस गंभीर अपराध का पर्दाफाश कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।