SEONI SATTA QUEEN: सिवनी शहर में वर्षों से अवैध सट्टा कारोबार चला रही “सट्टा क्वीन लता बाई” के अड्डे पर पुलिस ने देर रात छापा मारकर सट्टा पर्चियां, मोबाइल फोन और नगद राशि बरामद की है। यह कार्रवाई अचानक और गोपनीय तरीके से की गई, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
सिवनी में सट्टा क्वीन के नाम से मशहूर लता बाई के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की योजना बनी थी, लेकिन अचानक इसे रोक दिया गया। यह सवाल उठाता है कि आख़िर कौन प्रभावशाली व्यक्ति है, जिसने इस कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डलवा दिया?
लता बाई का सट्टा साम्राज्य: सिवनी का सबसे बड़ा अवैध खेल
सिवनी में लता बाई का नाम अवैध सट्टा कारोबार से वर्षों से जुड़ा रहा है। केवल सट्टा ही नहीं, बल्कि “तीन पत्ती” और “कट” जैसे जुए के खेल भी यहां खुलेआम खेले जा रहे थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि लता बाई का यह अड्डा युवाओं को जुए की दलदल में धकेल रहा था।
पुलिस की कार्रवाई: एक योजनाबद्ध और चौंकाने वाली रेड
गोपनीय जानकारी के आधार पर स्थानीय पुलिस ने देर रात छापेमारी की, जिसमें:
- दर्जनों सट्टा पर्चियां
- कई मोबाइल फोन
- बड़ी मात्रा में नकदी
- तीन पत्ती और कट से जुड़ी सामग्री बरामद हुई।
यह छापा इतनी तेजी से हुआ कि मोहल्ले में लोग कुछ समझ ही नहीं पाए और देखते ही देखते भीड़ जुट गई।
राजनीतिक संरक्षण या प्रशासनिक उदासीनता?
हालांकि लता बाई के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की योजना बनी थी, लेकिन अचानक इसे रोक दिया गया। यह सवाल उठाता है कि आख़िर कौन प्रभावशाली व्यक्ति है, जिसने इस कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डलवा दिया?
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक प्रभाव और प्रशासनिक लापरवाही के चलते लता बाई पर लंबे समय से कोई कठोर कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। अब जनता में यह मुद्दा गर्माया हुआ है।
युवाओं पर सट्टे का कहर: एक सामाजिक संकट
सिवनी के दर्जनों परिवारों ने अपने युवाओं को जुए की गिरफ्त में जाते देखा है। पढ़ाई, नौकरी और भविष्य से भटके युवा लता बाई के इस जुए के अड्डे पर फंसते जा रहे थे। नशे, कर्ज और अपराध की दुनिया में धकेले गए इन युवाओं की कहानियाँ अब आम हो चुकी हैं।
इसके बावजूद, प्रशासनिक निष्क्रियता ने इस अवैध साम्राज्य को फलने-फूलने दिया, जिससे कई परिवार तबाह हो चुके हैं।
कैसे चल रहा था सट्टा रैकेट: लता बाई का मॉड्यूल
सूत्रों के अनुसार, लता बाई बहुत सुनियोजित ढंग से अपने कारोबार को चला रही थी:
- डिजिटल लेन-देन का इस्तेमाल
- कोडवर्ड और फेक नंबर से बातचीत
- स्थानीय एजेंटों द्वारा रोज की कलेक्शन
- किराए के मकानों में अड्डे
इन अड्डों पर केवल जुआ ही नहीं, बल्कि अवैध कर्ज और धमकियों का भी खेल चलता था, जिससे लोग फंसते ही चले जाते थे।
जनता का आक्रोश: अब चाहिए कार्रवाई, ना कि सिर्फ बयानबाज़ी
छापेमारी के बाद स्थानीय नागरिकों ने पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन करते हुए मांग की:
- लता बाई और उसके पूरे नेटवर्क की गिरफ्तारी हो
- प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की जांच हो
- जिले से तत्काल बदर की कार्रवाई लागू हो
- जुए में फंसे युवाओं के लिए पुनर्वास कार्यक्रम चलाया जाए
अब सिवनी की जनता इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठना चाहती और कार्रवाई की मांग हर तरफ से तेज हो गई है।
पुलिस और प्रशासन की अगली जिम्मेदारी
हालांकि यह छापेमारी एक साहसी कदम था, लेकिन असली लड़ाई अब शुरू हुई है। लता बाई के नेटवर्क को तोड़ने के लिए जरूरी है कि:
- संपूर्ण नेटवर्क की जांच और गिरफ्तारी की जाए
- जप्त संपत्ति और अवैध धन की जांच हो
- राजनीतिक संरक्षण पर सवाल उठाए जाएं
- स्थाई टास्क फोर्स बनाकर सट्टे पर लगाम लगाई जाए
जब तक यह अभियान लगातार और प्रभावशाली नहीं चलेगा, तब तक सिवनी का युवा सट्टे की दलदल से नहीं निकल पाएगा।
सिवनी को चाहिए न्याय, कार्रवाई और साफ़-सुथरा भविष्य
सट्टा क्वीन लता बाई पर पुलिस की यह कार्रवाई एक शुरुआत भर है। वर्षों से चल रहे इस गंदे खेल ने न केवल क़ानून की धज्जियाँ उड़ाई हैं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी को अंधेरे में धकेल दिया है। अब वक्त है कि प्रशासन और नागरिक मिलकर इस गुनाह के साम्राज्य को जड़ से खत्म करें।