भारत सरकार द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 से केंद्रीय विद्यालय, बरघाट (सिवनी) एवं केंद्रीय विद्यालय, तिरोड़ी (बालाघाट) में शिक्षण प्रारंभ करने की औपचारिक घोषणा कर दी गई है। यह निर्णय डॉ. ढालसिंह बिसेन जी के सतत प्रयासों का प्रतिफल है, जिन्होंने संसद में अपने कार्यकाल के दौरान इन विद्यालयों की स्वीकृति हेतु लगातार संवाद और पत्राचार किया।
केंद्रीय विद्यालय बरघाट : सिवनी जिले के लिए शिक्षा में नया अध्याय
बरघाट (जिला सिवनी) में केंद्रीय विद्यालय के संचालन की स्वीकृति एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आई है। विद्यालय का संचालन “उत्कृष्ट विद्यालय कैंपस, वार्ड क्रमांक 11, मूंडापार, बरघाट” में अस्थायी भवन से किया जाएगा। भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) को आधिकारिक रूप से स्थल सौंपा जा चुका है।
इस विद्यालय में प्रारंभिक तौर पर कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई शुरू होगी। भविष्य में स्थायित्व और संसाधन उपलब्धता के अनुसार उच्च कक्षाओं की भी शुरुआत की जाएगी। इससे न केवल सिवनी जिले के विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी, बल्कि माता-पिता को अपने बच्चों को दूरस्थ नगरों में भेजने की बाध्यता से भी मुक्ति मिलेगी।
संसदीय कार्यकाल में डॉ. ढालसिंह बिसेन की दूरदृष्टि और प्रयास
केंद्रीय विद्यालय खोलने की दिशा में डॉ. ढालसिंह बिसेन जी ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र बालाघाट और उससे लगे सिवनी जिले के लिए केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की मांग को माननीय केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के समक्ष प्रमुखता से रखा।
उनके द्वारा किए गए लगातार संवाद, प्रतिनिधिमंडल के साथ भेंट और पत्राचार के माध्यम से यह प्रयास आज रंग लाया है। यह निर्णय न केवल शिक्षा की दिशा में प्रगति का प्रतीक है बल्कि एक राजनीतिक प्रतिबद्धता और जनसेवा भावना का उत्कृष्ट उदाहरण भी है।
भविष्य के लिए योजना : सीपीडब्ल्यूडी द्वारा डीपीआर निर्माण
केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को डीपीआर (विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन) बनाने के निर्देश पहले ही जारी कर दिए गए हैं।
- बरघाट (जेवनारा) एवं तिरोड़ी दोनों स्थलों पर भवन निर्माण की योजना तैयार की जा रही है।
- इसमें प्रशिक्षण भवन, प्रयोगशालाएं, खेल मैदान, पुस्तकालय, एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं को शामिल किया जाएगा।
- भवन निर्माण की प्रक्रिया भूमि हस्तांतरण और स्वीकृति प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत शीघ्र शुरू कर दी जाएगी।
कैबिनेट की स्वीकृति : 6 दिसंबर 2024 का ऐतिहासिक निर्णय
6 दिसंबर 2024 को हुई कैबिनेट बैठक में दोनों विद्यालयों की स्थापना के प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी प्रदान की गई थी। यह एक ऐसा निर्णय था जिसका इंतजार वर्षों से क्षेत्र की जनता कर रही थी। इस निर्णय से न केवल शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
केंद्रीय विद्यालय : गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का आश्वासन
केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा संचालित विद्यालयों को देश में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, नैतिक मूल्यों और समग्र विकास के लिए जाना जाता है। इन विद्यालयों में:
- सीबीएसई पाठ्यक्रम का पालन होता है
- कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, लाइब्रेरी, और खेल गतिविधियां छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती हैं
- शिक्षकों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार की जाती है
बरघाट और तिरोड़ी जैसे अर्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में इन विद्यालयों की स्थापना से वहां के छात्र भी अब प्रतिस्पर्धात्मक और तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
स्थानीय जनता की सराहना और भावनात्मक जुड़ाव
स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों में इस घोषणा के बाद से उत्साह और संतोष की भावना देखी जा रही है। उन्होंने लंबे समय तक केंद्रीय विद्यालयों की मांग की थी और अब उनके बच्चों को घर के पास ही केंद्रीय विद्यालय में अध्ययन का अवसर प्राप्त होगा।
यह निर्णय खासतौर पर उन परिवारों के लिए वरदान साबित होगा जो संबंधित जिलों के ग्रामीण या पिछड़े क्षेत्रों में निवास करते हैं और सीमित संसाधनों में अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का सपना देखते थे।
शिक्षा में समावेशी विकास की ओर बढ़ता कदम
बरघाट और तिरोड़ी में केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना न केवल एक प्रशासनिक निर्णय है, बल्कि यह समावेशी, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा की दिशा में एक सशक्त कदम है। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की समानता लाने और विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा।
यदि समयबद्ध ढंग से निर्माण कार्य और संसाधनों की व्यवस्था पूरी की जाती है, तो ये दोनों विद्यालय आगामी वर्षों में राज्य और देश के श्रेष्ठ विद्यालयों की श्रेणी में स्थान प्राप्त कर सकते हैं।