बरघाट (एस. शुक्ला): ग्राम पंचायत धारनाकला सरपंच एवं पंचो का द्वारा जिला कलेक्टर को पूर्व सरपंच द्वारा कराए गये निर्माण कार्य तथा अधूरे निर्माण कार्य जो कार्य हुए नही है उन कार्यो की भी राशि आहरण किये जाने तथा अब तक ग्राम पंचायत का प्रभार वर्तमान सरपंच को ना दिए की जाने की शिकायत की गई थी.
उपरोक्त शिक़ायत की जांच मुख्य कार्य पालन अधिकारी जनपद पंचायत बरघाट के आदेश पर 6 जून को पंचायत भवन मे किया जाना सुनिश्चित था जिस संबंध मे वर्तमान सरपंच और पंचायत के पदाधिकारी नियत समय पर पंचायत भवन मे पहुँच गये.
किन्तु घंटो इंतजार करने के बाद भी बरघाट जनपद से जांच के लिये गठित टीम नही पहुंची और पंचायत सरपंच तथा पदाधिकारीयो को वापस बैरंग लौटना पडा.
15 बिन्दुओं पर की गई है शिकायत
उल्लेखनीय है की वर्तमान सरपंच द्वारा निर्माण कार्यो से लेकर अधूरे निर्माण कार्य तथा कार्य के पूर्ण न होने के बाद भी राशि आहरण किया जाना तथा पंचायत के प्रभार ना दिया जाना आदि को लेकर जिला कलेक्टर तथा मुख्य कार्य पालन अधिकारी को शिकायत प्रस्तुत करते हुऐ जाच की मांग की गई थी.
जिस पर मुख्य कार्य पालन अधिकारी के निर्देश पर जनपद के चार अधिकारियो की टीम गठित की गई थी जिनके द्वारा जांच किया जाना था किन्तु जांच अधिकारी के एस. परते खंड पंचायत अधिकारी एस. एस. परिहार सहायक यंत्री मनरेगा तथा टेकचन्द तुमसरे ब्लाक समन्वयक एस. बी. एम. जनपद पंचायत बरघाट जांच मे नही पहुंचे और ना ही ना आने की सूचना पंचायत, सरपंच को दी गई.
जिससे घंटो इन्तजार करने के बाद पंचायत भवन मे विभिन्न प्रकार के आरोप अधिकारियो पर लगते रहे और जाचं आने वाले समय के लिये टल गई.
मेरे द्वारा प्रभार दे दिया गया है
जब इस सम्बंध मे पूर्व सरपंच से बात की गई तो इनका कहना है की मेरे द्वारा पद से हटने के बाद पंचायत का प्रभार दे दिया गया है और यह जवाबदारी ग्राम पंचायत सचिव की है और उसे ही सरपंच को जानकारी देनी चाहिये चूंकि पंचायत के समस्त रिकार्ड सचिव के पास उपलब्ध है वही दूसरी तरफ जांच के सम्बन्ध मे पूर्व सरपंच को भी जांच अधिकारियो के द्वारा सूचना प्रेसित की गई है किन्तु आज पंचायत भवन मे न जांच अधिकारी पहूचे और न ही जिस पर आरोप है वे ही पहूचे इससे अन्दाजा लगाया जा सकता है की पंचायत राज अधिनियम का संचालन बरघाट जनपद मे किस तरह चल रहा है
विकास को लगा ग्रहण
उल्लेखनीय है की पंचायत चुनाव को सम्पन्न हुऐ एक वर्ष का समय बीत रहा है किन्तु एक वर्ष के अन्तराल मे विकास के नाम यह पंचायत शून्य ही रही है और पंचायत राज व्यवस्था मात्र दिखावा बनकर रह गई है.
जबकि पंचायत राज व्यवस्था के मूल उद्देश्य के तहत पचायती राज संस्थाए जमीनी लोकतन्त्र और विकाश को बढावा देने के लिये है तथा यह दायित्व है की पंचायते स्थानीय जरूरतो के अनुसार योजनाए बनायेगी और उन्हे लागू भी करेगी किन्तु बरघाट जनपद की सबसे बडी पंचायत धारनाकला के विकास मे बरघाट जनपद अथवा जिनके हाथ मे बागडोर है वे ही रोडा बनकर खडे है
यही कारण है की पंचायत राज व्यवस्था जो की ग्रामीण इलाको मे विकास से सम्बंधित बहूत से कार्य किये जाते है वे आज की स्थिति मे रूके पडे है न ही ग्राम का विकास हो रहा है और न ही गरीबो को काम मिल रहा है जिससे सरकार की ग्राम स्वराज और पंचायत राज व्यवस्था कागजो मे सिमटकर रह गई है किन्तु इस ओर ध्यान देने वाला कोई नही है