सिवनी (Seoni News): भ्रष्टाचार, जो किसी समाज की सार्वजनिक सेवाओं के उपयोग में भ्रष्टाचार करने का नाम है, यह समस्या हर जगह होती है, चाहे वो बड़े शहरों में हो या छोटे गांवों में।
आज हम आपको एक ऐसे मामले के बारे में बताएंगे जो मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के छतरपुर ग्राम पंचायत में हुआ.
जहां ग्रामीणों के लिए मनरेगा योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगा गया।
भ्रष्टाचार का आरोप
सिवनी जिले के छतरपुर ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत लखनटोला के तहत मनरेगा योजना के अंतर्गत नाली निर्माण का कार्य था।
इस कार्य के लिए 15 वें वित्त आयोग से स्वीकृत 12 लाख की राशि का बजट आयोजित किया गया था। यह कार्य 25 नवंबर 2021 को शुरू हुआ था, जिसमें ग्राम पंचायत छतरपुर के लखनटोला से असाडू तक 370 मीटर लंबी नाली का निर्माण हो रहा था।
नाली का निर्माण करते समय तकनीकी मापदंडों का पूरा ध्यान न देने के बावजूद, अधिकांश नाली को लोहे का बिना उपयोग किए बना दिया गया था। हालांकि, कुछ स्थानों पर तकनीकी स्वीकृति में बदलाव कर बिना जगह के लोहे का उपयोग किया गया था।
जांच के बाद भी भ्रष्टाचार
नाली निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जांच के बाद ग्रामीणों ने शिकायत की, और इसके बाद तात्कालीन जनपद पंचायत सीईओ के निर्देश पर अधिकारियों ने जांच की।
हालांकि जांच में भ्रष्टाचार की संकेत मिली, लेकिन इसके बाद भी क्षेत्र में पदस्थ सहायक इंजीनियर पूजा गडकरी ने 1 मार्च 2023 को कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया और 11 लाख 42 हजार 41 रूपये की राशि का भुगतान ग्राम पंचायत को कर दिया।
ग्रामीणों ने इस पर आरोप लगाया कि इस कार्य के दौरान घटिया निर्माण की गई थी और इस कार्य के लिए राशि का उचित उपयोग नहीं किया गया था, लेकिन अधिकारियों ने सरपंच और सचिव को आर्थिक रूप से फायदा पहुंचाते हुए लगभग 11 लाख रूपये की राशि का भुगतान कर दिया।
परिणाम
वर्तमान स्थिति में नाली अनेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है, जगह-जगह टूटी नाली में लगा पतला लोहा इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि कैसे एपीओ सबिर खान एवं ग्राम पंचायत छतरपुर के पूर्व सरपंच निरंजन मर्सकोले की मिलीभगत से शासन को लाखों रूपये का नुकसान पहुंचाया गया था।
ज्ञात रहे कि वर्तमान में ग्राम पंचायत छतरपुर के सरपंच सुधीर जैन है, वे प्रदेश सरपंच संघ के उपाध्यक्ष एवं सिवनी सरपंच संघ के अध्यक्ष के तौर पर भी कार्य कर रहे हैं।
उनके क्षेत्र में ही ऐसा भ्रष्टाचार संकेत देता है कि निर्वाचित सरपंच और सचिव किस कदर शासकीय योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
यह खबर ग्राम पंचायत छतरपुर में हुए व्यापक भ्रष्टाचार के बारे में है, जिसमें ग्रामीणों को उनके अधिकारों का नुकसान पहुंचाया गया था।
यह मामला समाज की सार्वजनिक सेवाओं के उपयोग में भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण है, जिसका समाधान और भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।