सिवनी: सिवनी जिला मुख्यालय में स्थित इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में हुई एक ऐसी घटना प्रकाश में आई है जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया, इस घटना के प्रकाश में आने के बाद से ना जाने कितने माता पिता चिंतित होंगे कि आखिर हम जिसे अपना खून समझते है वो किसी और की औलाद तो नहीं.
पूरी घटना बीते 11 अक्टूबर 2022 की है इस दिन एक प्रसूता की सल्य प्रक्रिया से प्रसव होने के बाद लड़के के स्थान पर कन्या शिशु प्रसूता को दे दी गई, इस पूरे मामले में पीड़ित द्वारा डीएनए टेस्ट (DNA TEST) कराने की मांग की गई है
सिवनी के कस्तूरबा वार्ड निवासी किशोर पिता शंकर लाल डहेरिया ने सिवनी कलेक्टर, सिवनी पुलिस अधीक्षक, सिवनी सीएचएमओ, थाना प्रभारी एवं अस्पताल चौकी प्रभारी को आवेदन दिया .
दिए गए आवेदन में उन्होंने जानकारी देते हुए बतायाकि उनकी पत्नी श्रीमती रानू डहेरिया को बीते 6 अक्टूबर 2022 को प्रसव हेतु जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था, 11 अक्टूबर 2022 को 12 बजकर 45 मिनिट पर आपरेशन थिएटर के बाहर कर्मचारी द्वारा अवेदक को नवजात कन्या शिशु दी गई.
नवजात शिशु के हाथ पर लगा हुआ टैग देखकर व्यक्ति दंग रह गया, नाव्जिह्सजात शिशु के हाथ पर लगे हुए टैग मेंलिखा हुआ था रानू किशोर डहेरिया एम (मेल) तथा जन्म दिनांक 11/10/2022 समय 1 PM.
किशोर डहेरिया द्वारा दिये गये आवेदन में कहां गया कि उनकी पत्नी एवं उसे दी गई नवजात कन्या शिशु का डीएनए टेस्ट (DNA TEST) कराया जाये यदि डीएनए टेस्ट में भिन्नता पायी जाती है, तो 11 अक्टूबर 2022 को जिला चिकित्सालय में जितने भी नवजात शिशुओं का जन्म हुआ है उन सबका डीएनए टेस्ट प्रसूता एवं उन बच्चों से आपस में कराया जाये।
डीएनए रिपोर्ट प्राप्ति के पश्चात उन शिशुओं को उनके वास्तविक माता पिता को प्रदान किये जाने हेतु आदेश पारित किये जाये। उक्त जांच में दोषी पाये जाने वाले कर्मचारी व चिकित्सकों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्यवाही की जाये.