सिवनी: मोबाइल सीडिंग और E-KYC बना आम जनता और राशन दुकान संचालक के लिए सिरदर्द

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सिवनी, धारनाकला (एस.शुक्ला): शासन के दिशा निर्देश पर उचित मूल्य दुकानो मे हितग्राहीयो के आधार सीडिग एवं मोबाईल सीडीग की इकेवायसी कड़ाई से किये जा रहे है जिससे कुछ विवाद की स्थिति बनने के साथ ही नये नये खुलासे भी सामने आ रहे है.

जिसमे हितग्राही जानबूझ कर अपने परिवार तथा राशन कार्ड मे जुडे सदस्यो की इकेवायसी कराने मे हीलाहवाली कर राशन विक्रेता के खिलाफ शिकायत की धमकी भी देते नजर आ रहे है.

वही दूसरी तरफ आधार एवं मोबाइल सीडिग समय पर न करने के कारण राशन विक्रेताओ और सेल्समैन को कारण बताओ नोटिस जारी होने तथा प्राधिकार पत्र निरस्त करने प्रति भूति राशि समपहृत करने तथा सार्वजनिक वितरण के कार्य से पृथक करने के लिये फरमान जारी होने के साथ ही सेल्समैनो ने कडा रूख इख्तियार कर पहले इकेवायसी उसके बाद राशन वितरण का कार्य प्रारम्भ कर दिया है

जिससे अनेको परिवार जो वास्तविक मे अपात्र की श्रेणी मे आते है वे आधार इकेवायसी से बचते नजर आ रहे है तथा राशन विक्रेताओ पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है.

अपात्र एवं शासकीय सेवको को मिल रहा है लाभ

उल्लेखनीय है की बरघाट विकास खंड मे उचित मूल्य दुकानो से ऐसे लोगो को भी मुफ्त का राशन मिल रहा है जो वास्तविक मे अपात्र की श्रेणी मे आते है तथा शासकीय सेवक के पद पर पदस्थ रहते हुऐ पचास हजार रूपये माह की वेतन ले रहे है

जिनके पास लाखो की सम्पति आलीशान भवन टू व्हीलर वाहन से लेकर फोर व्हीलर वाहन तक घर की शोभा बढा रहे है किन्तु सरकार से मुफ्त का राशन लेने मे भी पीछे नही है

किन्तु ऐसे राशन कार्ड धारियो की जांच करने मे भी सम्बन्धित विभाग को पसीने छूट रहे है जबकि इस सम्बन्ध मे अनेको बार सम्बन्धितो का ध्यान आकृष्ट कराने के बाद भी उनके कानो मे अब तक जू तक नही रेगी है

EKYC का लक्ष्य पूरा करने का है दबाव

वही दूसरी तरफ इकेवायसी के लक्ष्य को पूरा करने के दबाव के चलते ऐसे लोगो के नाम भी सामने आ रहे है जो मृत हो चुके है तथा शादी होने के बाद वह आज की स्थिति मे गांव मे ही नही है तथा उनका नाम अन्यत्र स्थान पर जुड चुका है तथा बहूत से परिवार के सदस्य रोजी रोटी की तलाश मे गांव से बाहर पलायन कर चुके है.

छोटे बच्चो के नही आ रहे फिंगर

वही यह भी उल्लेखनीय है आधार इकेवायसी मे छोटे बच्चो के फिंगर नही आ रहे है तथा बहूत से लोगो ने अपने बच्चो के फिंगर अपडेट भी नही कराये है जिससे आधार इकेवायसी का लक्ष्य कैसे पूरा होगा समझ से परे है.

गरीबो के पास नही है मोबाईल

वही दूसरी तरफ बहूत से परिवार ऐसे है जिनके पास मोबाईल नही है और है भी तो परिवार का मुखिया रोजी रोटी की तलाश में पलायन कर चुका है तथा राशन दुकान से राशन लेने 50 से 60 प्रतिशत महिलाऐ आ रही है जिनके पास मोबाईल नही है ऐसे स्थिती मे मोबाईल सीडीग कैसे होगी यह बात भी समझ से परे है.

काटे जाये अपात्र लोगो के नाम राशन पर्ची से

उल्लेखनीय है की आज भी लाखो की सम्पति शासकीय सेवक तथा आलीशान भवन तथा लाखो के व्यापार से जुडे लोगो के नाम से राशन कार्ड बने हुऐ है और वे मुफ्त का राशन ले रहे है वही दूसरी तरफ वास्तविक गरीब आज भी पंचायत और दफ्तर के चक्कर लगा रहा है किन्तु ऐसे वास्तविक गरीब परिवार शासन की इस मूलभूत सुविधा से वंचित है किन्तु इस ओर ध्यान देने वाला कोई नही जबकि इस दिशा मे जांच कर ऐसे अपात्र लोगो के नाम राशन पर्ची से शीघ्र काटने की कार्यवाई की जाने की आवश्यकता है ताकि सही मे वास्तविक गरीब को इस योजना का लाभ मिल सके

यहा यह बताना भी लाजिमी है की शासन से जुडी महती योजनाओ का लाभ आज भी धन से सम्पन्न लोग गरीबी रेखा के कार्ड के बल पर सबसे पहले ले रहे है तथा वास्तविक गरीब आज योजनाओ के लाभ से कोष दूर है चूकि वर्षो पूर्व ग्राम पंचायत सरपंच के द्वारा अपने करीबी और रिशतेदारो तथा परिवार के नाम से थोक के भाव राशन कार्ड जारी कर दिये गये है

और इससे बडा क्या उदारहण हो सकता है की बरघाट जनपद की ग्राम पंचायत धारनाकला मे सात सौ पचास परिवार सख्या मे छै सौ पचास परिवार को मुफ्त का राशन मिल रहा है जिससे लगभग पूरा गाव ही गरीबी रेखा की श्रेणी मे आ गया है। किन्तु आज भी वास्तविक गरीबो के नाम राशन कार्ड मे नही है

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