सिवनी: मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में सामने आए हवाला कांड ने पूरे पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है। अब इस मामले की जांच का जिम्मा जबलपुर क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है। जांच के दौरान कई नए और चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं, जिससे यह मामला और भी पेचीदा होता जा रहा है।
आईजी प्रमोद वर्मा पहुंचे सिवनी, अधिकारियों से की गहन चर्चा
सोमवार को जबलपुर पुलिस महानिरीक्षक (IG) प्रमोद वर्मा खुद सिवनी पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी अधिकारियों से ली। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे जबलपुर क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर करने का फैसला लिया। अब इस मामले की जांच एएसपी दीपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में होगी।
अब तक 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड, DSP पूजा पांडे और TI अर्पित भैरम पर भी गाज
8 अक्टूबर 2025 की रात हुई इस घटना ने पुलिस विभाग की नींव हिला दी है। जांच के दौरान डीएसपी पूजा पांडे और बंडोल थाना प्रभारी अर्पित भैरम सहित कुल 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। इसके बावजूद इस कांड के कई रहस्य अब भी परदे में हैं।
2.96 करोड़ में से सिर्फ 1.45 करोड़ जमा, उठे गंभीर सवाल
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि कुल 2.96 करोड़ रुपये में से सिर्फ 1.45 करोड़ रुपये ही जमा क्यों हुए? और इतनी बड़ी रकम बरामद होने के बावजूद इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक देर से क्यों पहुंची?
लखनवाड़ा थाना पुलिस ने इस हवाला कांड में सोहन परमार, इरफान पठान, और शेख मुख्तियार नामक तीन आरोपियों के खिलाफ संगठित अपराध की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
विभाग की छवि पर सवाल, जनता में बढ़ी नाराजगी
सिवनी के इस हवाला कांड के बाद पुलिस विभाग की छवि पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आम जनता में तरह-तरह की चर्चाएं हैं—क्या यह मामला सिर्फ हवाला का है या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश भी छिपी है?
आईजी प्रमोद वर्मा ने मीडिया से कहा कि, “लखनवाड़ा थाना अंतर्गत दर्ज प्रकरण में प्रारंभिक जांच के दौरान कई त्रुटियां मिली हैं। इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच अब जबलपुर क्राइम ब्रांच करेगी।”
⚖️ जांच के बाद खुलेगा असली सच
पूरे मामले की गुत्थी अब जबलपुर क्राइम ब्रांच सुलझाएगी। फिलहाल इस घटना ने मध्यप्रदेश पुलिस प्रशासन को हिला कर रख दिया है। आने वाले दिनों में इस जांच से कई बड़े चेहरों के बेनकाब होने की संभावना भी जताई जा रही है।
सिवनी का यह हवाला कांड अब सिर्फ एक जिले का मामला नहीं रहा, बल्कि यह मध्यप्रदेश पुलिस की साख और पारदर्शिता पर सवालिया निशान बन चुका है। अब सबकी निगाहें जबलपुर क्राइम ब्रांच की जांच पर टिकी हैं कि आखिर असली सच कब और कैसे सामने आता है।

