सिवनी, बरघाट, धारनाकला: आदिम जाति सहकारी समिति लालपुर में कार्यरत समिति कर्मचारियों की मनमानी के चलते वर्षों से समिति कार्यालय लालपुर शो पीस बनकर रह गया है। वैसे तो पचास वर्षों से लालपुर में समिति का संचालन होते रहा है, किन्तु समिति में कार्यरत समिति प्रबंधक और स्थानीय कर्मचारियों की मनमानी के चलते लालपुर समिति का पूरा संचालन छपारा अतरी में निर्मित गोदाम में किया जा रहा है।
इनके द्वारा समिति कार्यालय ही लालपुर से समाप्त कर दिया गया है, जबकि इस संबंध में बैक और संबंधित अधिकारियों को सब कुछ ज्ञात होते हुए भी किसानों से जुड़ी समिति के संचालन पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है।
इससे किसानों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं लालपुर सरपंच साजिद बेग ने भी कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की है।
नियमों को ताक पर रखकर गोदाम को बनाया कार्यालय
उल्लेखनीय है कि किसी भी समिति कार्यालय के स्थान परिवर्तन और संशोधन के कारण किसी सामान्य बैठक में उपस्थित कम से कम दो तिहाई सदस्यों के मत से पारित संकल्प द्वारा सहकारी समिति की उपविधियों में संशोधन किया जा सकता है, किन्तु आदिम जाति सहकारी समिति में कार्यरत समिति प्रबंधक की मनमानी के चलते आदिम जाति सहकारी समिति कार्यालय लालपुर में संचालित न होकर गोदाम अतरी में संचालित हो रहा है, जो सिर्फ किसानों को खाद वितरण के समय ही खुलता है।
वहीं वर्षों से संचालित समिति कार्यालय लालपुर में हमेशा ताला लगा हुआ नजर आता है, जो अब सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है। वहीं समिति का संचालन भी घर से हो रहा है, क्योंकि समिति के सारे रिकार्ड भी समिति कार्यालय में न होकर इनके घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं।
समिति पर करोड़ों की रिकवरी
वहीं दूसरी तरफ, किसानों से जुड़ी आदिम जाति सहकारी समिति लालपुर पर करोड़ों की रिकवरी की कार्यवाई भी कलेक्टर के आदेश के बावजूद उपायुक्त कार्यालय सहकारिता सिवनी के द्वारा नहीं की जा रही है। वहीं समिति की निष्पक्ष जांच में भी विभाग को पसीने छूट रहे हैं और जवाबदारों के द्वारा धान उपार्जन में हजारों क्विंटल धान का शार्टेज देने के कारण समिति को मिलने वाला कमीशन भी समिति प्रबंधक और खरीदी प्रभारी के कारण नहीं मिल पाया है। यही कारण है कि समिति में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वेतन तक के लाले पड़े हुए हैं।
राशन दुकान के कमीशन में भी हेरफेरी
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि आदिम जाति सहकारी समिति के अन्तर्गत पांच राशन दुकानें संचालित हैं, जो कि नियमों के विपरीत तरीके से आपरेटरों के नाम पर आवंटित हैं। किन्तु तीन राशन दुकानों का संचालन स्वयं समिति प्रबंधक कर रहे हैं और दो दुकानों का संचालन एक अन्य कर्मचारी के हाथों में है।
वहीं आज तक संस्था में कार्यरत दो आपरेटर जिनके द्वारा राशन दुकान का संचालन आज तक नहीं किया गया, जिसमें पांचों राशन दुकानों का कमीशन एम पी स्टेट सिविल सप्लाईज सिवनी से अलग-अलग मिल रहा है। उपरोक्त कमीशन राशि भी समिति में बंदरबंट हो रही है, जबकि आपरेटरों को माने तो उन्हें पांच हजार प्रति माह मिलता है, किन्तु यह राशि भी उन्हें दो वर्षों से नहीं मिलने की बात कही गई है।
वैसे ही, वर्तमान में नए समिति प्रबंधक की भर्तियां हुई हैं और शायद उन्हें प्रभार भी समिति प्रबंधक का होना है। अब ऐसी स्थिति इनका संचालन विधिवत रूप से लालपुर होता है या फिर खाद की गोदाम में आने वाला समय ही बताएगा, किन्तु लालपुर सरपंच और ग्रामीण किसानों ने विधिवत कार्यालय लालपुर में खोले जाने की मांग जरूर शाखा प्रबंधक जिला सहकारी बैंक से की है।