सिवनी: बरघाट तहसीलदार अमित रिनाहिते के आश्वासन और समझाइश पर गंगा बाई देशभरतार के द्वारा अपना अनशन समाप्त कर दिया है. उल्लेखनीय है की मकान निर्माण मे जारी अस्थाई स्थगन आदेश निरस्त किये जाने को लेकर गंगा बाई देश भरतार ने जनपद पंचायत बरघाट के सामने अनशन मे बैठकर विरोध प्रकट करना प्रारम्भ किया था.
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जिस पर तहसीलदार अमित रिनाहिते ने तत्परता से प्रयास करते हुए महिला को अनशन मे न बैठने की समझाइश देते हुऐ समस्या के शीघ्र निराकरण का आश्वासन देते हुए अनशन समाप्त करवा दिया है तथा गंगा बाई ने भी तहसीलदार की समझाइश और आश्वासन को ध्यान मे रखते हुऐ अपना अनशन समाप्त कर दिया है.
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इस वजह से पंचायत के सामने अनशन पर बैठी गंगाबाई
उल्लेखनीय है की ताखला खुरद की रहने वाली गंगा बाई का दो वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत हुआ था। तथा पहली किश्त के रूप 25000 रूपये की राशि भी उसके खाते मे आ चुकी थी किन्तु परिस्थिती वश महिला ने मकान निर्माण का कार्य प्रारम्भ नही किया था किन्तु पंचायत और जनपद के बार बार दबाव के कारण महिला ने अपना पचास साठ वर्ष पुराना कच्चा मकान तुडवाया.
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जिसके बाद पी.एम. आवास के तहत मकान का कार्य प्रारम्भ कर दिया तथा प्रधान मंत्री आवास के निर्माण की दूसरी किस्त भी महिला को प्राप्त हो गई तथा आवास का कार्य भी प्रारम्भ हो गया किन्तु तहसील न्यायालय बरघाट मे प्रस्तुत नीरा बाई भगत के आवेदन पर तहसीलदार बरघाट द्वारा स्थगन आदेश प्रस्तुत कर दिया गया।
जिसमे राजस्व प्रकरण कृ 153/ब _129/2022_23 मे आदेश दिनाक 27/01/2023 के तहत गंगा बाई के प्रधान मंत्री आवास के तहत हो रहे निर्माण कार्य को पुलिस थाना अरी द्वारा रूकवा दिया गया.
जिससे गंगा बाई के सामने भूख हड़ताल और अनशन मे बैठने के अतिरिक्त कोई विकल्प नही रहा और गंगा बाई ने 14/3/2023 को तहसीलदार बरघाट एवं थाना प्रभारी को अरी को आवेदन प्रस्तुत कर 15 मार्च से भूख हड़ताल और अनशन मे बैठने की सूचना देते हुऐ अस्थाई स्थगन आदेश निरस्त करने के लिये विधिवत तय समय पर अपनी शुरूआत कर दी.
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गंगा बाई ने लगाए आरोप
उल्लेखनीय है की गंगा बाई ने बताया की वह अपने कच्चे मकान पचास साल से निवास करते आ रही है और जिस स्थान पर वह प्रधान मंत्री आवास के तहत निर्माण कर रही है उपरोक्त जमीन वर्षो से उसी की है तथा पति और पुत्र की मौत के बाद से वह अकेली उसी मकान मे अपना गुजर बसर करते आ रही है
उसकी ऐसी स्थिति नही थी की वह नवीन मकान बना सके इस कारण दो वर्ष पूर्व से स्वीकृत प्रधान मंत्री आवास को वह बनाना भी नही चाह रही थी किन्तु पंचायत के बार बार कहने पर उसने अपना कच्चा मकान तुडवाकर आवास का कार्य प्रारम्भ किया है
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जिसमे आवेदक भगत परिवार के द्वारा दुर्भावना वश मुझे अनावश्यक परेशान किया जा रहा है जबकि पटवारी ने भी तहसीलदार को प्रस्तुत किये गये प्रति वेदन मे उल्लेख किया है की खसरा नम्बर 29/5 रकबा 0,01 मे निर्माण नही हो रहा है
उसके बाद भी मुझे परेशान किया जा रहा है और सरकार द्वारा प्रदान किये गये आशियाने को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है यहा यह बताना भी लाजिमी है की गंगा बाई ने तहसीलदार की समझाइश पर अपना भूख हड़ताल और अनशन तो समाप्त कर दिया है और अपना आवास का कार्य प्रारम्भ करने की मांग भी रखी है