सिवनी : पढ़ाई के साथ-साथ छात्राओं में संर्वागीण विकास के लिये सांस्कृतिक कार्यक्रम भी जरूरी है। जिसके माध्यम से हम अपने देश की विरासत को संजोए रख सकते है। छात्राओं में साहित्यिक, ललितकला के अतिरिक्त नृत्य,गायन,नाटक आदि अनेक विधायें होती है। बस उन्हें तराशने की आवश्यकता होती है।
जनभागीदारी समिति का हमेशा प्रयास रहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी छात्रा को कोई कठिनाई ना आये इसके लिए हम लोग महाविद्यालय परिवार के साथ मिलकर सतत प्रयत्नशील रहते है। उक्त उदगार नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कन्या महाविद्यालय के स्नेह सम्मेलन के अवसर पर जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष शिव सनोडिय़ा ने व्यक्त किये।
अतिथियों का किया अभिनंदन
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ.अमिता पटेल ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का महाविद्यालय परिवार अभिनंदन करता है। साथ ही उम्मीद करता है कि महाविद्यालय को विकास के पथ पर ले जाने में आपका निरंतर सहयोग मिलता रहेगा। साथ ही छात्राओं को हरसंभव मदद करने में आप हमेशा सहयोग प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम में गुणवत्ता समिति के अध्यक्ष संजय जैन के संबंध में भी उन्होंने प्रकाश डाला। आयोजन में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन चंदेल,जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष असलम खान, एनएसयूआई अध्यक्ष बाबू भाई भालोटिया,जेपीएस तिवारी, विष्णु करोसिया, ओम उपाध्याय,अंशुल अवस्थी आदि उपस्थित थे। जिन्होंने भी आयोजन में शामिल होकर छात्राओं का मनोबल बढ़ाया।
नृत्य,नाटक,गायन,कव्वाली की हुई प्रस्तुती
इस अवसर पर निवेदिता नाग ने सरस्वती वंदना पर नृत्य तथा छम-छम घुंघरू पर प्रस्तुती दी। सृष्टि अवस्थी ने रघुवर तेरी राह,तमन्ना अंसारी ने पिंगा, सपना वर्मा ने गायन, ज्योति मरकाम, रीना कुशवाहा ने महुआ झरे, भारती एवं गू्रप शैला नृत्य, मेघा सनोडिय़ा ने पंजाबी नृत्य, लक्ष्मी डहेरिया ने मोहे पनघट पे, ज्योति मर्सकोले ने दिवानी-मस्तानी की प्रस्तुती दी। इसी तरह दिशा कुशवाहा ने बेटियों की दशा को ओरी चिरैया,सपना वर्मा नैनो वाले ने, शिवानी कुर्वे ने आज-कल तेरे-मेरे,शिवानी सनाड्य ने बाल संरक्षण पर नाटक प्रस्तुत किया।
भारती सराठे, प्रिंयका ने गोंडी नृत्य, कनक नामदेव ने मार डाला, श्वेता बकोड़े ने आजा नच ले, सोफिया मोहे रंग दे, नीलम साहू ने पालकी पे होके सवार चली रहे, पूजा सलामे ने एवं सविता ने गोंडी नृत्य, नैना भांगरे एवं ग्रूप ने माँ तुझे सलाम, आकृति गज भर पानी, अंबिका सोनी ये गलियाँ ये चौबारा, निवेदिता नाग ने छाप तिलक कर दीनी…..लक्ष्मी डहेरिया ने मेरे हाथों में नौसिया एवं ग्रूप ने कव्वाली मेरे रसके कमर, प्रिया एवं गू्रप हमारा पारा, तमन्ना अंसारी ने कोई शहरी बाबू, प्रिंयका पन्द्राम देश रंगीला, नीलम साहू नेे राधा तेरी चुनरी की प्रस्तुती दी।
मुक्तक से मंच को दी ऊंचाई
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ.अर्चना चंदेल, ने मुक्तक के माध्यम से कार्यक्रम को ऊंचाई दीं। समीता शर्मा,अर्पणा अवस्थी, निधी मिश्रा, सोनाली जायसवाल, चेतना डहेरिया, अनिता कुल्हाड़े, अशोक जैन, आशीष काढ़े, अनिता भट्ट, शकुनतला, सुंदर सतेन्द्र, श्यामकली सहित अनेक लोगों का योगदान रहा।