सिवनी : वैश्विक कोरोना वायरस संक्रमण के विरुद्ध युद्ध मे डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता- सहायिका के साथ अन्य शासकीय अमले ने पूरी तन्मयता से कार्य कर ढाल की भूमिका निभाई हैं। डॉक्टरों ने स्वयं जोखिम उठाते हुए दिनरात सेवा कर कोरोना मरीजों को स्वस्थ्य किया है तथा उन्हें नई जिन्दगी दी।
सिवनी जिले में 10 मई को कोरोना का पहला मरीज मिलने के उपरांत से अब तक 1080 कोरोना मरीज मिल चुके हैं जिनमें से 940 मरीजों ने कोरोना से जंग को जीत लिया है। जिसमें जिले के चिकित्सकों, स्वास्थकर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इन 940 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 60 वर्ष से अधिक आयु के 146 मरीज भी शामिल हैं। जिनमें से 73 मरीज हृदय रोग, हायपरटेंशन, लिपिड डिसआर्डर से, 61 मरीज मधुमेह रोग से तथा 12 मरीज किडनी जनित रोग से पूर्व से ग्रसित थे। डॉक्टरों एवं स्वास्थकर्मियों के सकारात्मक प्रयासों एवं मरीजवार बेहतर देखरेख से इन सभी बुजुर्गों ने उम्र के इस पड़ाव में भी कोरोना को मात दी। इन बुजुर्गों को कोरोना के चंगुल से बचाने में स्वास्थ्यकर्मियों के अथक प्रयास तथा दृढ़ इच्छाशक्ति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जिला चिकित्सालय के डेडिकेटेट कोविड केयर सेंटर में प्रत्येक मरीज का माईक्रोऑब्जर्वेशन करते हुए आवश्यकता होने पर तत्काल वांछित चिकित्सा सेवा प्रदान कर मरीजों को बचाया गया है। सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डॉ. के.सी.मेशराम के नेतृत्व में कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थिति में कोरोना मरीजों को 24 X 7 यथासंभव इलाज प्रदाय किया जा रहा है।
इसमें मेडिसिन विभाग के डॉ. प्रसून श्रीवास्तव, डॉ. दीपक अग्निहोत्री तथा डॉ. वान्द्रे के साथ ही सिस्टर इंचार्ज कोरी के अतिरिक्त होलू मेविस, बिन्नी जोमर, सोनिया ठाकुर, सलोनी, सपना, रंजिता उइके, राखी दुबे, नम्रता, शिक्षा, वर्षा, पूनम, प्रगति सिस्टर ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। लैब टैक्निशियर राहुल, नीतेश सनोडिया ने बिना किसी भय के लोगों के सैंपल लिये। वार्ड बॉय सुनील ने निर्भकता से अपने कार्य को अंजाम दिया।