सिवनी: भाजपा नेता युवराज राहंगडाले और लाइन अटैच ओमेश्वर ठाकरे का मंच साझा करना, भाजपा नेताओं की गौतस्करी में संलिप्तता की तरफ़ इशारा?

गौ रक्षा के नाम पर सिर्फ राजनीति, जिससे गहराता संशय

SHUBHAM SHARMA
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सिवनी: भाजपा नेता युवराज राहंगडाले और लाइन अटैच ओमेश्वर ठाकरे का मंच साझा करना, भाजपा नेताओं की गौतस्करी में संलिप्तता की तरफ़ इशारा?

सिवनी, मध्यप्रदेश: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गौ रक्षा को लेकर दी गईं प्रतिज्ञाएँ और जमीनी हकीकतों में स्पष्ट विरोधाभास एक बार फिर उजागर हो गया है। गौ रक्षा को लेकर मुखर रहने वाली भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला सिवनी जिले से सामने आया है, जहां भाजपा नेता युवराज राहंगडाले और गौतस्करी में संलिप्तता के चलते लाइन हाजिर किए गए पूर्व थाना प्रभारी ओमेश्वर ठाकरे को एक ही मंच पर साथ देखा गया। इस तस्वीर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही सियासी गलियारों में हलचल मच गई है और भाजपा नेताओं की गौतस्करों से कथित संलिप्तता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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वायरल ऑडियो ने खोले थे राज

ज्ञात हो कि कुछ समय पूर्व कान्हीवाड़ा थाना प्रभारी रहे ओमेश्वर ठाकरे का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उनके और गौतस्करों के बीच मधुर संबंधों की पुष्टि होती सुनी गई थी। इस ऑडियो में भाजपा नेता मयूर दुबे की भी बातचीत शामिल थी। मामला उजागर होने के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ओमेश्वर ठाकरे को लाइन अटैच कर दिया था, वहीं पार्टी ने मयूर दुबे को सभी पदों से निष्कासित कर अपने दामन को बचाने की कोशिश की थी।

अब फिर एक साथ मंच पर, फिर उठे सवाल

अब जब ओमेश्वर ठाकरे और युवराज राहंगडाले की एक साथ मंच साझा करती हुई तस्वीर सामने आई है, तो इस पर सवाल उठना लाजमी है कि भाजपा नेताओं को गौतस्करों से संबंध रखने वाले अधिकारियों के साथ मंच साझा करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? क्या यह सिर्फ संयोग था, या फिर कोई गहरी राजनीतिक सांठगांठ?

सिवनी भाजपा की छवि पर असर

इस तस्वीर के वायरल होते ही सिवनी भाजपा की कार्यप्रणाली और उसकी नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय जनता अब यह पूछ रहे हैं कि अगर पार्टी वास्तव में गौ रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, तो गौतस्करी में संदिग्ध भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों से संबंध क्यों बनाए जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री मोहन यादव की छवि पर भी असर

प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव गौ रक्षा को लेकर कई बार सार्वजनिक मंचों पर अपने सख्त रुख का प्रदर्शन कर चुके हैं। वे गौतस्करों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की बात करते हैं, लेकिन उन्हीं की पार्टी के नेता ऐसे अधिकारियों से संबंध रखते हैं, जो गौतस्करी के आरोपों से घिरे हुए हैं। इससे मुख्यमंत्री के बयानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

भाजपा को देनी होगी स्पष्टता

इस पूरे प्रकरण के बाद भाजपा की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन बढ़ते विवाद को देखते हुए पार्टी को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना अनिवार्य हो गया है। अगर भाजपा नेतृत्व इस मामले पर चुप्पी साधे रखता है, तो यह माना जाएगा कि कहीं न कहीं पार्टी में गौतस्करी को लेकर मौन सहमति बनी हुई है।

युवराज राहंगडाले और ओमेश्वर ठाकरे की मंच पर एक साथ उपस्थिति ने भाजपा की कथनी और करनी के बीच अंतर को उजागर कर दिया है। यदि पार्टी को अपनी गौ रक्षा की छवि बचानी है, तो उसे ऐसे मामलों में त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई करनी होगी। यह मामला अब केवल स्थानीय नहीं रहा, बल्कि यह भाजपा की नीति, नीयत और नेतृत्व की परीक्षा बन चुका है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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