सिवनी: जल संसाधन, विद्युत विभाग और पट्टा माफिया का बड़ा गठजोड़, बैनगंगा नदी के सीने पर होती खेती; जनता जल संकट से त्रस्त

बैनगंगा नदी पर कब्जा: सरकारी विभागों और पट्टा माफिया की मिलीभगत उजागर

SHUBHAM SHARMA
6 Min Read
SEONI: वैनगंगा नदी छपारा के सीने पर हजारों एकड़ में हो रही अवैध खेती

सिवनी जिले की पवित्र बैनगंगा नदी जो कभी जीवनदायिनी मानी जाती थी, आज अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। यह नदी छपारा नगर और आसपास के सैकड़ों गांवों के लिए मुख्य जलस्रोत रही है, लेकिन जल संसाधन विभाग, विद्युत विभाग और पट्टा माफिया के गठजोड़ ने इस जीवन रेखा को संकट में डाल दिया है। अब यह नदी सिर्फ कागज़ी योजनाओं में ही संरक्षित दिखाई देती है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है।

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सिवनी: जल संसाधन, विद्युत विभाग और पट्टा माफिया का बड़ा गठजोड़ – बैनगंगा नदी के सीने पर होती खेती, जनता जल संकट से त्रस्त
SEONI: वैनगंगा नदी छपारा के सीने पर हजारों एकड़ में हो रही अवैध खेती

नदी के सीने पर हजारों एकड़ में हो रही अवैध खेती

बैनगंगा नदी के दोनों तटों पर नहीं, बल्कि अब तो नदी के बीचों-बीच तक पट्टा माफियाओं ने कब्जा कर लिया है। हजारों मोटर पंप लगाकर धड़ल्ले से पानी की चोरी की जा रही है। यह सारा कार्य कथित रूप से जल संसाधन और विद्युत विभाग की मौन स्वीकृति से हो रहा है। परिणामस्वरूप नदी में पानी की मात्रा इतनी कम हो गई है कि अप्रैल माह की शुरुआत में ही छपारा, सिवनी और आसपास के सैकड़ों गांवों में भीषण जल संकट गहराने लगा है।

भीमगढ़ डैम और पट्टा माफियाओं का इतिहास

1980 के दशक में जब भीमगढ़ डैम का निर्माण हुआ था, तब यह सोचा गया था कि इससे क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की स्थिति में सुधार आएगा। लेकिन इसी समय से पट्टा माफियाओं ने डूब क्षेत्र और नदी के किनारों पर अवैध कब्जा करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे यह कब्जा नदी के अंदर तक पहुंच गया और अब स्थिति यह है कि सरकारी विभागों की मिलीभगत से ही बैनगंगा नदी की छाती पर हल चलाए जा रहे हैं

छपारा से माहलनवाड़ा तक नदी पर कब्जा – भयावह स्थिति

हमारी टीम द्वारा मुंडारा से छपारा तक किए गए स्थलीय निरीक्षण में जो स्थिति सामने आई, वह बेहद चौंकाने वाली है। लखनवाड़ा, दिघोरी, बंडोल, धड़धड़ा घाट, रेस्ट हाउस घाट, फोरलेन पुल, और माहलनवाड़ा तक नदी के भीतर तक खेत बना दिए गए हैं। यह सब मोटर पंपों की लंबी कतारों के सहारे हो रहा है, जिससे पेयजल के लिए आवश्यक जलस्तर में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

जनता जल संकट से जूझ रही, प्रशासन मौन

जहां एक ओर गांव की जनता बूंद-बूंद पानी को तरस रही है, वहीं दूसरी ओर माफिया नदी से हजारों लीटर पानी प्रतिदिन खींचकर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। यह सब कुछ प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन अब तक किसी ठोस कार्यवाही के संकेत नहीं मिले हैं। इस लापरवाही से यह प्रतीत होता है कि प्रशासनिक मिलीभगत या अकर्मण्यता के चलते बैनगंगा नदी का भविष्य अधर में लटका हुआ है।

नदी संरक्षण योजनाओं की सच्चाई – सिर्फ कागजों तक सीमित

भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा नदी संरक्षण के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं, लेकिन यदि इनकी वास्तविकता जाननी हो तो छपारा की बैनगंगा नदी का दौरा करना पर्याप्त है। यहां नदी सूखने के कगार पर पहुंच गई है, और संरक्षण योजनाएं केवल रिपोर्ट और बैठकों में ही सीमित रह गई हैं। भूजल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है और जल संकट गंभीर रूप ले चुका है।

जनप्रतिनिधियों की चुप्पी – जिम्मेदार कौन?

सबसे अफसोसजनक पहलू यह है कि इस पूरे मसले पर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौन साधे हुए हैं। चुनावों के समय जो नेता जल स्रोतों की सुरक्षा की बातें करते हैं, वे अब कहीं नजर नहीं आ रहे। क्या यह उनकी निर्लज्जता नहीं, कि वे जनता को जल संकट में छोड़कर माफियाओं को नदी की छाती चीरने की खुली छूट दे रहे हैं?

बैनगंगा बचाओ: समय की मांग

अब वक्त आ गया है कि इस घातक गठजोड़ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो। जल संसाधन विभाग और विद्युत विभाग के भ्रष्ट अफसरों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। साथ ही, पट्टा माफियाओं के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही कर उनकी अवैध मोटर पंपों और कब्जों को तत्काल हटाया जाना चाहिए। नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब बैनगंगा नदी का अस्तित्व पूरी तरह मिट जाएगा और यह क्षेत्र जल के लिए पूरी तरह निर्भर और विपन्न बन जाएगा।

क्या बैनगंगा बचेगी या इतिहास बन जाएगी?

बैनगंगा नदी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि सैकड़ों गांवों की जीवनरेखा है। अगर अभी भी संबंधित विभाग और जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे रहे, तो भविष्य में यहां के बच्चे शायद केवल किताबों में ही बैनगंगा का नाम पढ़ पाएंगे। हमें एकजुट होकर इस नदी के लिए आवाज उठानी होगी, और इस प्राकृतिक धरोहर को बचाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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