Seoni News: सिवनी। मेहनत, संघर्ष और लगन अगर सच्ची हो, तो छोटे से गांव का बेटा भी देश का नाम रोशन कर सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है लालपुर गांव के विशाल चिंदीबुरे ने, जिन्होंने राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर अब अरुणाचल प्रदेश में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल किया है।
इंदौर में हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता
1 सितंबर तक इंदौर में आयोजित शालेय राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में जबलपुर संभाग की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। इस टीम के कोच की जिम्मेदारी धारना विद्यालय के पीटीआई संदीप मिश्रा को सौंपी गई थी। मिश्रा ने बताया कि बालिका 19 वर्ष और बालक 17 वर्ष वर्ग में जबलपुर संभाग ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसमें धारना विद्यालय के खिलाड़ियों का विशेष योगदान रहा।
धारना विद्यालय के खिलाड़ियों ने दिखाया दम
विद्यालय के अरुण सौरले, दैविक ठाकरे, और अभय दादरे ने अपने-अपने भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर विद्यालय और जिले का नाम रोशन किया। वहीं 17 वर्ष बालक वर्ग में विशाल चिंदीबुरे ने 56 किलो भार वर्ग में इंदौर और भोपाल के मजबूत वेटलिफ्टरों को पछाड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया।
अब राष्ट्रीय स्तर पर चमकेगा विशाल का नाम
विशाल के इस प्रदर्शन ने उन्हें अरुणाचल प्रदेश में दिसंबर माह में होने वाली राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता के लिए क्वालिफाई करा दिया है। अब वह मध्य प्रदेश की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी ताकत दिखाने उतरेंगे।
किसान परिवार से आया यह “वेटलिफ्टिंग स्टार”
विशाल चिंदीबुरे का जन्म सिवनी जिले के छोटे से गांव लालपुर में हुआ है। उनके पिता खेती करते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद विशाल ने अपने जज्बे, अनुशासन और कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है।
धारना विद्यालय बना वेटलिफ्टिंग का गढ़
इस प्रतियोगिता में धारना विद्यालय के प्रिंस रॉगडाले और रत्ना बकोड़े ने ऑफिशियल के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ज्ञात हो कि जबलपुर संभाग में सबसे अधिक राष्ट्रीय खिलाड़ी धारना विद्यालय से ही निकलते हैं, जहां अब तक 26 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भाग ले चुके हैं। इसके पीछे कोच संदीप मिश्रा का अथक परिश्रम और मार्गदर्शन प्रमुख कारण है।
बधाइयों की लगी झड़ी
विशाल की सफलता पर जिला शिक्षा अधिकारी एस.एस. कुमरे, जिला खेल अधिकारी जस्सी थॉमस, प्राचार्य ज्योति श्रीवास्तव, मनु धुर्वे, बापू राउत, प्रेम श्रीवास्तव, आशीष दीक्षित, सुनील मर्सकोले, कैलाश चाकोले, मेहरून निशा खान, मीनाक्षी मेश्राम, नारायण बिसेन, योगेश पाठक, तथा ग्रामवासी और गुरुजन ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
“लालपुर का लाल” — संघर्ष से सफलता तक
विशाल की यह कहानी सिर्फ खेल की जीत नहीं, बल्कि एक गांव के सपनों की उड़ान है। खेतों की मिट्टी में पले इस खिलाड़ी ने साबित किया है कि अगर इरादे बुलंद हों, तो मंज़िल चाहे कितनी भी ऊंची क्यों न हो, हासिल की जा सकती है।
धारना विद्यालय और संदीप मिश्रा जैसे समर्पित कोचों की वजह से जबलपुर संभाग मध्य प्रदेश में वेटलिफ्टिंग का हब बनता जा रहा है। अब उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्तर पर विशाल चिंदीबुरे मध्य प्रदेश का झंडा फहराएंगे और भारत को नया वेटलिफ्टिंग चैंपियन देंगे।
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