Seoni: सुमन तेकाम की सफलता की प्रेरणादायक कहानी: शिक्षा की रोशनी हर घर तक पहुंचे, यह सपना देखने वाली सुमन तेकाम ने राज्य पात्रता परीक्षा (SET) में सफलता प्राप्त कर अपने परिवार और समाज का नाम रोशन किया है। पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस के बाॅटनी विभाग की नियमित छात्रा रही सुमन ने अपने पहले ही प्रयास में इस कठिन परीक्षा को पास कर लिया है, जिससे अब वह कॉलेज में सहायक प्रोफेसर बनने के योग्य हो गई हैं।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग समय-समय पर शासन की आवश्यकतानुसार SET परीक्षा आयोजित करता है। इस परीक्षा को पास करना बेहद कठिन माना जाता है, लेकिन सुमन ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बल पर इसे हासिल किया।
ऑटो चालक पिता की बेटी ने लिखी सफलता की नई इबारत
सुमन के पिता कृष्ण तेकाम पेशे से ऑटो चालक हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी। बावजूद इसके, उन्होंने कभी भी अपनी बेटी की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी। सुमन की माँ सुखवती तेकाम ने भी हमेशा बेटी को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।
बरघाट नाका क्षेत्र में स्थित उनके छोटे से घर में जगह की कमी के कारण सुमन को पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और नगर पालिका की लाइब्रेरी में घंटों बैठकर पढ़ाई की।
शिक्षा के प्रति सुमन की दृढ़ इच्छाशक्ति
सुमन अपने परिवार में सबसे अधिक शिक्षित व्यक्ति हैं। उनके दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि बड़ा भाई शैलेन्द्र भी ऑटो चलाकर परिवार की आर्थिक मदद करता है।
सुमन का सपना है कि वह कॉलेज में प्रोफेसर बनकर शिक्षा का उजियारा फैलाए। उनका मानना है कि शिक्षा ही समाज को आगे ले जाने का सबसे बड़ा माध्यम है।
बारहवीं कक्षा में मेरिट में स्थान, मुख्यमंत्री से मिला सम्मान
सुमन की प्रतिभा स्कूल के दिनों से ही निखरकर सामने आई थी। उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई विद्यालय से बारहवीं कक्षा में मेरिट सूची में स्थान प्राप्त किया था। इस उपलब्धि के लिए उन्हें भोपाल में मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया था।
इसके बाद बीएससी की पढ़ाई के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री मेधावी योजना के तहत छात्रवृत्ति भी मिली, जिससे उन्हें आगे की पढ़ाई में मदद मिली। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने एमएससी भी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और अब वह पीएचडी करने की योजना बना रही हैं।
सफलता के पीछे इन गुरुजनों की अहम भूमिका
सुमन मानती हैं कि उनकी सफलता के पीछे उनके माता-पिता और बड़े भाई-बहनों का महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन साथ ही कुछ गुरुजन भी उनके प्रेरणास्रोत रहे हैं।
इन शिक्षकों ने किया प्रेरित
- रिटायर्ड प्रोफेसर विपिन विनोद मिश्रा (बाॅटनी विभाग)
- प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे (हिंदी विभाग)
इन शिक्षकों ने न केवल उन्हें शिक्षा का महत्व समझाया, बल्कि मानसिक संबल देकर कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया। उनकी सलाह और मार्गदर्शन ने सुमन को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
महाविद्यालय परिवार ने दी शुभकामनाएँ
सुमन की सफलता पर पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस के प्राचार्य डॉ. रविशंकर नाग ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। बाॅटनी विभाग के सभी शिक्षकों और छात्रों ने सुमन की उपलब्धि पर गर्व महसूस किया और उन्हें बधाई दी।
सुमन तेकाम: युवाओं के लिए प्रेरणा
सुमन की यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो संसाधनों की कमी के बावजूद अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन मिले, तो कोई भी सफलता पाना असंभव नहीं।