सिवनी। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के नेतृत्व में गौ तस्करी को लेकर सख्ती बरतने की बातें की जाती हैं, लेकिन सिवनी ज़िले में पुलिस प्रशासन पर ही गौ तस्करों को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लग रहे हैं। ताजा मामला कान्हीवाड़ा (Kanhiwara) थाना प्रभारी ओमेश्वर ठाकरे (Omeshwar Thakre) से जुड़ा है, जिनकी एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल (Viral Audio) हो रही है। इस ऑडियो में वह गौ रक्षकों को यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि “इन्वेस्टिगेशन अधिकारी मत बनो” जब उन्होंने संदिग्ध गाय-बैल परिवहन की जानकारी दी।
गौरक्षकों ने दी थी सूचना, उल्टा मिली नसीहत
सूत्रों के अनुसार, कुछ गौरक्षकों ने कान्हीवाड़ा थाना प्रभारी को इलाके में संदिग्ध गौ तस्करी की सूचना दी थी। लेकिन बजाय कार्रवाई करने के, थाना प्रभारी ने सूचना देने वालों को ही “इन्वेस्टिगेशन अधिकारी मत बनो” की नसीहत दे दी। यह ऑडियो वायरल होते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया, और थाना प्रभारी पर गौ तस्करों को संरक्षण देने के आरोप लगने लगे।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
गौरतलब है कि सिवनी ज़िले में पहले भी कई बार गौ तस्करी के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार रहते हुए भी अगर गौ तस्करों को पुलिस का समर्थन मिल रहा है, तो यह बेहद चिंताजनक स्थिति है।
मामले की निष्पक्ष जांच की मांग
वायरल ऑडियो के बाद हिंदू संगठनों और गौ रक्षकों ने थाना प्रभारी ओमेश्वर ठाकरे पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन सही तरीके से जांच करे, तो कई बड़े नाम इस मामले में सामने आ सकते हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
इस पूरे मामले में अभी तक जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस प्रशासन ऐसे मामलों को गंभीरता से लेगा, या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
क्या होगी कार्रवाई?
अब देखना होगा कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या वायरल ऑडियो की जांच होगी? क्या थाना प्रभारी पर कोई कार्रवाई होगी? या फिर सिवनी में गौ तस्करी के मामले यूं ही जारी रहेंगे?