सिवनी/बरघाट: बरघाट क्षेत्र के बेहरई वन डिपो के पास स्थित लगभग 50 वर्ष पुराने हनुमान मंदिर में कथित तोड़फोड़ के बाद सिवनी जिले में माहौल गर्म हो गया है। विश्व हिंदू परिषद सहित पूरा हिंदू समाज इस घटना से आक्रोशित है और वन विभाग के कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहा है।
मंदिर में बाबाजी रहते थे, अचानक कार्रवाई से हड़कंप
स्थानीय निवेदन के अनुसार, पिछले 2–3 महीनों से मंदिर परिसर में एक बाबाजी रह रहे थे। लेकिन 14 नवंबर 2025 को वन विभाग की टीम अचानक वहां पहुंची और कार्रवाई करते हुए मंदिर में लगे—
- टीन शेड
- घंटा
- पूजा सामग्री
- दान पेटी
- कलश
- सोलर पैनल
को तोड़फोड़ कर जप्त कर लिया। साथ ही, मौके पर मौजूद पुजारी को भी अपनी अभिरक्षा में ले लिया गया, जिससे आस-पास के ग्रामीणों में तनाव बढ़ गया।
वन विभाग पर गंभीर आरोप—राजस्व या पुलिस को नहीं दी जानकारी
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि वन विभाग ने इस कार्रवाई की जानकारी न तो राजस्व विभाग और न ही पुलिस विभाग को दी, जबकि ऐसा करना अनिवार्य माना जाता है।
स्थानीय संगठनों ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई पूरी तरह नियमों के विपरीत और बिना उच्च अधिकारियों की अनुमति के की गई।
हिंदू संगठनों का चेतावनी भरा बयान
विश्व हिंदू परिषद एवं हिंदू समाज ने बरघाट पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कहा है—
“यदि वन विभाग के सभी संबंधित कर्मचारियों पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं की गई और मंदिर को उसकी मूल स्थिति में बहाल नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।”
वन निगम ने भी अपने अधिकारियों पर की कार्रवाई की सिफारिश
उसी दिन जारी एक अन्य आधिकारिक पत्र में, मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम, संभागीय प्रबंधक द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि:
- उप संभागीय प्रबंधक अनिल कुमार क्षत्रिय,
- कार्यवाहक परियोजना क्षेत्रपाल रवि गेडामे,
- कार्यवाहक परियोजना क्षेत्रपाल दिनेश झारिया
ने बिना वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के अतिक्रमण हटाने की अवैध कार्रवाई की है। पत्र में इन तीनों के निलंबन की अनुशंसा भी शामिल है।
तीन कर्मचारियों को तत्काल बेहरई परिक्षेत्र से हटाया गया
एक अन्य आदेश में, बेहरई परिक्षेत्र में कार्यरत तीन कर्मचारियों—
- वाहिद खान
- असीम खान
- जावेद खान
को तत्काल हटाने का आदेश दिया गया।
यह घटनाक्रम एक ही दिन में जारी कई आदेशों के कारण और भी चर्चा का विषय बन गया है।
📌 मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय
मंदिर से जुड़ी तोड़फोड़, पुजारी की अभिरक्षा, और वन विभाग के खिलाफ उठती आवाज़ों ने पूरे जिले में संवेदनशील माहौल पैदा कर दिया है। पुलिस और प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की मांग तेज हो गई है।
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