सिवनी :- आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश शासन भोपाल को 5-8-2016 को सहायक ग्रेड- 2 अभिषेक त्रिपाठी के विरुद्ध बारापत्थर निवासी सुजान सिंह के द्वारा शिकायत भेजी गई थी शिकायत में गंभीर आरोप लगाते हुए कंहा गया कि त्रिपाठी पिछले 7 वर्षों से अपने कार्य में उपस्थित न होकर महिंद्रा एंड महिंद्रा टेक्टर एजेंसी का संचालन किया इस कार्य को करते हुए भारतीय स्टेट बैंक का करीब 2 करोड़ का ऋण बकाया हैं l
आगे शिकायत में कंहा गया कि पूर्व सहायक आयुक्त द्वारा त्रिपाठी को गलत तरीके से पुनः नियुक्ति प्रदान की गई
भोपाल में बड़ी रकम दे कर डाइज नॉन (नो वर्क नो पे) कराकर पूर्व सहायक आयुक्त ने लाखों रूपये की रिश्वत लेकर अभिषेक त्रिपाठी को कार्यालय आदिवासी विकास सिवनी में पुनः पदस्थ कर लिया गया l साथ ही स्टोर शाखा का संचालन करने का मौका दिया गया अभिषेक त्रिपाठी के द्वारा केवल बिल लगाकर बिना किसी सामान खरीदी के करोडो रुपये गबन पूर्व सहायक आयुक्त एवं त्रिपाठी की मिली भगत से किया गया l साथ ही ट्रेजरी में एवं भोपाल में रूपये देकर कोड जनरेट कराकर अवैध रूप से वेतन आहरण किया जा रहा हैं l मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश ने अपने पत्र क्रमाक/ स्था.6/शिका /सी.3/ 443/2016/26006 दिनांक 9-12-2016 के जरिये कलेक्टर सिवनी से 15 दिवस में जांच करवा कर दोषी पर कार्यवाही कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया
लेकिन जांच दल का गठन निश्चित समय सीमा में ना होकर आदिवासी विकास विभाग सिवनी के द्वारा दिनांक 17-11-2017 को बनाया गया इस जांच में वीरेंद्र बोरकर क्षेत्र संयोजक आर के प्रजापति क.ले अधिकारी संतोष राज नेगी लेखापाल को शामिल किया गया और आदेशित किया गया कि उक्त प्रकरण की जांच 1 सप्ताह में पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें तीन सदस्यीय जांच दल ने उक्त प्रकरण की जांच कर 11-01-2018 को विभागीय कार्यालय को सौंपी जांच में सहायक ग्रेड-2 अभिषेक त्रिपाठी के विरुद्ध पाया गया की पदोन्नति के पश्चात पदस्थापना प्राचार्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुनवारा में हुई दिनांक 13-07-2017 तथा उसके बाद अभिषेक त्रिपाठी का कोई भी नीति का स्थानांतरण आदेश सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग सिवनी से नहीं हुआ है जांच दल ने अपने प्रतिवेदन में आगे कहा की मूल पदस्थापना में पदस्थ किया जाना उचित होगा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग सिवनी में पदस्थ करना नियम अनुसार नहीं हैं l बावजूद इसके अभिषेक त्रिपाठी अपने पद पर जमे हुए बड़ा सवाल यह है कि सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम के ऊपर कौन सा ऐसा दबाव है जिसके कारण सहायक ग्रेड 02 अभिषेक त्रिपाठी को कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है जिले की गलियों में जनचर्चा यह भी है कि अभिषेक त्रिपाठी ने लंबे समय तक विभाग में रहते हुए स्टोर की जिम्मेदारी संभाली हैं और यह जिम्मेदारी संभालते हुए मोटी रकम के आसामी भी हो गए हैं l और अब यही रकम की किस्तो में अधिकारियो की जेब गरम करती है l
शायद यही वजह है कि जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत होने के 6 माह बीत जाने पर भी सहायक ग्रेड-2 अभिषेक त्रिपाठी A.C कार्यालय में जमे हुए हैं ।
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 जनवरी 2018 को कार्यालय स्टाफ जिला मुख्यालय अधीक्षक सिवनी कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर कुछ कर्मचारियों को सहायक आयुक्त कार्यालय से हटाने के लिए निवेदन पूर्वक आग्रह भी किया गया था जिला कलेक्टर के निर्देश के बाद भी सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम ने आज तक कोई कार्यवाही नही की l
कार्यवाही न करना निश्चित ही कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह अंकित करता हैं l कार्यवाही ना करना क्या राजनेतिक दखल हैं या सहायक ग्रेट -2 अभिषेक त्रिपाठी का रसूख जिसके आगे नतमस्तक हैं आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकांम।