सिवनी, मध्य प्रदेश – जिले में सवारियों की सुरक्षा से जुड़ी गंभीर लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। सत्यम ट्रैवल्स की बस (रजिस्ट्रेशन नंबर MP22P0299) में यात्रियों को इस कदर भेड़-बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर बैठाया गया कि कई यात्री तो गेट पर लटकते हुए नजर आए। हैरानी की बात यह है कि यह सब खुलेआम हो रहा है और परिवहन विभाग गहरी नींद में सोया हुआ नजर आ रहा है।
यात्रियों की जान जोखिम में
स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह घटना कोई पहली बार नहीं है। सत्यम ट्रैवल्स की यह बस नियमित रूप से ओवरलोडिंग करती है। बस में न तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था होती है और न ही खड़े यात्रियों के लिए सुरक्षा के कोई इंतज़ाम। कुछ यात्रियों को गेट पर लटकते और कुछ को बस की छत तक पर बैठे देखा गया, जो साफ तौर पर मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है।
सुरक्षा का सवाल – क्या ऐसे होती है सुरक्षित यात्रा?
आज जब सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने का दावा कर रही है, तब ऐसे हालात इस दावे की पोल खोलते हैं। यात्रियों ने बताया कि बस में एसी चालू नहीं था, खिड़कियां टूटी थीं, और कई बार ड्राइवर मोबाइल फोन पर बात करते हुए बस चला रहा था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आम नागरिकों की जान की कोई कीमत नहीं है?
परिवहन विभाग की भूमिका पर सवाल
परिवहन विभाग की चुप्पी और निष्क्रियता भी इस पूरे मामले में सवालों के घेरे में है। जिले में हर दिन सैकड़ों बसें बिना नियमों का पालन किए सड़कों पर दौड़ रही हैं, लेकिन न तो कोई जांच होती है, न कोई कार्रवाई। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब संभव हो पा रहा है।
क्या होगी कार्रवाई?
अब सवाल यह है कि क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होगी, या यह भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दब कर रह जाएगा? यदि समय रहते परिवहन विभाग ने संज्ञान नहीं लिया, तो यह लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है