ज्योतिष और द्वारका पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद महाराज के शिष्य और राजस्थान के प्रतिनिधि स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज ने कहा कि विवादित फिल्म पद्मावत रिलीज ही नहीं होनी चाहिए। 15 जनवरी को अजमेर प्रवास पर आए स्वामी प्रज्ञानानंद ने कहा कि फिल्म का नाम बदल देने से उसका स्वरूप नहीं बदलता, ऐसा प्रतीत होता है कि भारत की सनातन संस्कृति का उपहास उड़ाने के लिए ही संजय लीला भंसाली ने इस फिल्म को बनाया है। जब राजपूत और सर्वसमाज इस फिल्म का लगातार विरोध कर रहा हैं तो फिर इस फिल्म को रिलीज क्यों किया जा रहा है? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हमारी सनातन संस्कृति का प्रतिनिधि माना जाता है। ऐसे में प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह अपने विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए फिल्म पर पूर्ण प्रतिबंध लगावें। उन्होंने कहा कि राजस्थान के गौरवमयी इतिहास का मजाक उड़ाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं हो सकता, सब जानते हं कि चित्तौड़ की रानी पद्मावती ने अपने सम्मान को बचाने के लिए 16 हजार स्त्रियों के साथ बलिदान दिया था। ऐसा बलिदान किसी के लिए मनोरंजन और कमाई का धंधा नहीं हो सकता, उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर फिल्म बनाने के लिए निर्माता निर्देशक भंसाली पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। राजस्थान में इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए सीएम वसुंधरा राजे की सराहना करते हुए स्वामी प्रज्ञानंद ने कहा कि अब सीएम को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस फिल्म पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगावाने का काम करना चाहिए।
राम नाम परिक्रमा का समापनः
स्वामी प्रज्ञानंद के सान्निध्य में 15 जनवरी को अजमेर के आजाद पार्क में चल रही राम नाम परिक्रमा का भी समापन हुआ। 54 अरब हस्त लिखित रामनाम परिक्रमा गत 31 दिसम्बर से शुरू हुई थी। प्रक्रिया के समापन समारोह में स्वामी प्रज्ञानानंद ने कहा कि अजमेर के नागरिक भाग्यशाली हैं जो उन्हें रामनाम परिक्रमा करने का अवसर मिला है। इसके लिए उन्होंने आयोजकों का भी आभार जताया।
पद्मावत फिल्म रिलीज नहीं होनी चाहिए-स्वामी प्रज्ञानानंद महराज
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