सिवनी-नगर के लिए क्या अच्छा है
इसका निर्णय करने का अधिकार नगर की जनता को है।कम से कम कुछ मामलों में अधिकारियों को नगर और जनता की भावना को देखते समझते हुए निर्णय लेना चाहिए। पुराने फ़िल्टर प्लांट की जमीन पर सरकारी आवास बंनाने का नगरपालिका प्रशासन का निर्णयअव्यवाहरिक, अदूरदर्शी और मनमानी प्रवृति का प्रतीक है जो कतई भी नगर हित में नही है। इस निर्णय का हर तरीके से विरोध किया जाएगा। नगर की जनता का पालिका में प्रतिनिधित्व करने वाले सम्मानीय पार्षदों से आग्रह है कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाये। उक्ताशय की प्रतिक्रिया सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षक संजय तिवारी ने दी है।
इस सम्बन्ध में संजय तिवारी ने आगे कहा कि बीते कई वर्षों से यह नगर और जिला अधिकारियों की अदूरदर्शी कल्पनाओं की प्रयोगशाला बनकर रह गया है। अधिकारी तो साल दो साल में स्थानांतरित होकर चले जायेंगे लेकिन उनके निर्णयो को जनता को भुगतना पड़ता है । जिला अस्पताल में इतने भवन बना दिये गए जितने डॉक्टर और कर्मचारी नही है। स्टेडियम के चारो तरफ पार्किंग के लिए नाममात्र की जमीन बची है। बस स्टैंड की अव्यवस्था से प्रतिदिन नागरिको को समस्या होती है लेकिन इनको हल करने की कोशिश भी नही की जाती है। शंकराचार्य बनने से पहले ही उजड़ गया ।शहर में पार्क नही है जो सरकारी खाली जमीन पड़ी है वहा भवन बनाये जा रहे है जबकि यह नगर पहले ही घनी बसाहट से परेशान है।
आज नही तो कल सिवनी नगर निगम बनेगा जिसके लिये एक सर्वसुविधायुक्त विशाल परिसर की जरूरत होगी। वर्तमान नगरपालिका कार्यालय और परिसर बहुत छोटा है वहां अभी समस्या होती है।लेकिन अधिकारियों को ये सब नही दिखता उन्हें कौन सा इस नगर में रहना है। जबकि नगर की चारो दिशाओं में सुविधायुक्त खेल के मैदान, श्मशानघाट और पार्क आज की सबसे बड़ी जरूरत है वर्ना यह नगर इमारतों और दुकानों का शहर बन कर रह जायेगा। मंगलिपेठ ललमटिया क्षेत्र में एक बड़ा खेल का मैदान पार्क और श्मशानघाट की जरूरत है पर इस ओर पालिका का ध्यान कभी नही जाता
पुराने फ़िल्टर के मामले में नगरपालिका जनभावना का ख्याल रखे । सरकारी आवासो के निर्माण के लिए अनेक स्थान है। पुराने बायपास के किनारे सरकारी जमीन पर अनुमति लेकर वहां सरकारी आवास बनाये जा सकते है ।इससे नगर का फैलाव और विस्तार होगा