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सिवनी में मिडास क्लासेज सरकार के आदेशों की उड़ा रही धज्जियां, शिक्षा विभाग के अधिकारी हमेशा की तरह नींद में

By SHUBHAM SHARMA

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MIDAS CLASSES SEONI: सिवनी में मिडास क्लासेज सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते

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SEONI NEWS: सिवनी जिले में कोचिंग संस्थानों द्वारा सरकार के दिशा निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। कई कोचिंग सेंटर बिना पंजीयन के संचालित हो रहे हैं, और सबसे गंभीर बात यह है कि इन संस्थानों में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी पढ़ाया जा रहा है, जबकि 2024 में केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार, 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग संस्थानों में पढ़ाना सख्त मना है। शिक्षा विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे जिले में इन नियमों की अवहेलना हो रही है।

2024 में केंद्र सरकार ने 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद, सिवनी जिले के कई कोचिंग संस्थान इस नियम की अवहेलना कर रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ प्रतिष्ठित संस्थान जैसे मिडास क्लासेज भी इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। वे खुलेआम 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग दे रहे हैं और इसका प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि सरकार के दिशा निर्देशों के बावजूद ऐसे संस्थानों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है।

शिक्षा विभाग की निष्क्रियता

सिवनी जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी इन संस्थानों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। कलेक्टर के आदेश के बिना ये अधिकारी सक्रिय नहीं हो रहे हैं, जिससे जिले में नियमों की खुलेआम अवहेलना हो रही है। शिक्षा विभाग का यह रवैया न केवल सरकारी नियमों के उल्लंघन को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि छात्रों और उनके माता-पिता को भी गलत संदेश दे रहा है।

बच्चों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव

कोचिंग संस्थानों में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाना सरकार के दिशा निर्देशों के खिलाफ है। यह उम्र बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। इस उम्र में उन्हें एकेडमिक दबाव से बचाना चाहिए, जबकि कोचिंग संस्थान उन्हें पहले से ही प्रतिस्पर्धा की दौड़ में धकेल रहे हैं।

सरकार के नियमों का उल्लंघन करके इन बच्चों को कोचिंग में पढ़ाना न केवल उनके मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, बल्कि उन्हें अनुचित शिक्षा पद्धतियों में धकेलता है।

मिडास क्लासेज की भूमिका

सिवनी जिले के मिडास क्लासेज द्वारा 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाने की खबर ने शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। संस्थान न केवल इन बच्चों को कोचिंग दे रहा है, बल्कि इसके प्रचार-प्रसार में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। बैनर और पोस्टर के माध्यम से इस बात का प्रचार किया जा रहा है, जो सीधे तौर पर सरकार के दिशा निर्देशों का उल्लंघन है।

सरकारी कार्रवाई की आवश्यकता

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह आवश्यक है कि शिक्षा विभाग और प्रशासन इस मामले में जल्द से जल्द सख्त कदम उठाएं। सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना और उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर कठोर कार्रवाई करना अत्यंत आवश्यक है।

शिक्षा विभाग को सक्रिय होकर जिले में सभी कोचिंग संस्थानों की जांच करनी चाहिए और जो भी संस्थान नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद करना चाहिए।

बिना पंजीयन संचालित हो रही कोचिंग संस्थान

सिवनी जिले में कई कोचिंग संस्थान बिना पंजीयन के चलाए जा रहे हैं। यहां बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे कोचिंग के लिए आ रहे हैं, लेकिन इन संस्थानों के पास कोई वैध पंजीयन नहीं है। जीएसटी की चोरी भी एक बड़ी समस्या है, क्योंकि इन कोचिंग संचालकों द्वारा जीएसटी का भुगतान नहीं किया जा रहा है, और इसका सीधा नुकसान सरकार को हो रहा है। सरकार ने जब से नई गाइडलाइंस जारी की हैं, सभी कोचिंग संचालकों को निर्देश दिए गए थे कि वे अपने संस्थानों का पंजीयन कराएं, परंतु इस निर्देश का पालन नहीं हो रहा है।

छात्र आत्महत्या की घटनाएं

पिछले कुछ वर्षों में कोचिंग संस्थानों से संबंधित आत्महत्याओं के मामलों में भारी वृद्धि हुई है। 2023 में 26 आत्महत्याओं के मामले सामने आए, जिनमें अधिकांश घटनाएं कोटा जैसे कोचिंग हब से रिपोर्ट की गई थीं। छात्रों पर बढ़ते मानसिक तनाव और दबाव के कारण ये घटनाएं बढ़ी हैं। इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, जिसमें छात्रों की मानसिक भलाई के लिए दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।

मानसिक स्वास्थ्य पर जोर

गाइडलाइंस में यह स्पष्ट किया गया है कि कोचिंग संस्थानों को छात्रों की मानसिक भलाई का ध्यान रखना चाहिए। छात्रों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए संस्थानों में साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, कोचिंग सेंटरों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्र पर कोई अनावश्यक दबाव न डाला जाए। इन उपायों से छात्रों की मानसिक स्थिति में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है।

कोचिंग संस्थानों के लिए अनिवार्य नियम

सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए कुछ सख्त नियम बनाए हैं। इनमें से एक प्रमुख नियम यह है कि किसी भी कोचिंग संस्थान में तलघर में संचालन नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, कोचिंग संस्थान को दो दरवाजों की व्यवस्था करनी होगी, ताकि आपातकालीन स्थिति में बच्चे सुरक्षित बाहर निकल सकें। अग्निशमन उपकरणों का भी होना अनिवार्य है। भ्रामक विज्ञापनों से बचने के लिए कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों को अच्छे नंबर या रैंक की गारंटी नहीं दें। शिक्षकों की योग्यता और फीस संरचना को स्पष्ट रूप से वेबसाइट पर प्रकाशित करना आवश्यक है।

कोचिंग में छात्रों की सुरक्षा

छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सभी कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे सुरक्षा मानकों का पालन करें। इसके तहत संस्थानों को अपनी इमारतों की जांच करवानी होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी इमारतें सुरक्षित हैं। इसके अलावा, छात्रों को समय-समय पर सुरक्षा प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए।

पंजीयन और गुणवत्ता

कोचिंग संस्थानों के लिए पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि उनकी गुणवत्ता को मापा जा सके। सरकार ने कोचिंग संस्थानों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कई मापदंड तय किए हैं। इनमें शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता, कोचिंग की संरचना, और पाठ्यक्रम की समयसीमा शामिल हैं। इसके साथ ही, कोचिंग संस्थानों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे छात्रों को सही जानकारी प्रदान करें और फर्जी विज्ञापन के माध्यम से छात्रों को गुमराह न करें।

नियमों की अनदेखी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो कोचिंग संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन संस्थानों के खिलाफ वित्तीय दंड के साथ-साथ उन्हें बंद करने का आदेश भी जारी किया जा सकता है। कोचिंग संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सरकार के सभी दिशा निर्देशों का पालन करें, ताकि छात्रों की सुरक्षा और उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा सके।

छात्रों की मानसिक और शारीरिक भलाई का ध्यान रखना जरूरी

कोचिंग संस्थानों को छात्रों की मानसिक और शारीरिक भलाई पर भी ध्यान देना होगा। छात्रों को मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए कोचिंग संस्थानों में परामर्श सेवाएं उपलब्ध करानी होंगी। इसके अलावा, छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए समय-समय पर चिकित्सा जांच भी कराई जानी चाहिए।

नियमित निरीक्षण की जरूरत

शिक्षा विभाग और प्रशासन को जिले के कोचिंग संस्थानों का नियमित निरीक्षण करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कोचिंग संस्थान सरकार के दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं। इसके लिए एक विशेष निरीक्षण दल का गठन किया जाना चाहिए, जो समय-समय पर कोचिंग संस्थानों की जांच करे और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करे।

सिवनी में मिडास क्लासेज और अन्य कोचिंग संस्थानों द्वारा सरकार के नियमों की अनदेखी हो रही है। यह अनदेखी छात्रों की सुरक्षा और मानसिक भलाई के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। सरकार और शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए और कोचिंग संस्थानों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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