सिवनी/ भोपाल–एक माह से अधिक समय से प्रयासरत पत्रकार महारैली अंततः सफल ही नहीं हुई बल्कि कहा जाए तो आशातीत सफलता हासिल हुई यह लडाई भरेपेट पत्रकारों व वाकई में पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों के बीच हुई ,पूरे प्रदेश से उपस्थित पत्रकारों के भारी समूह में एकत्र हुए पत्रकारों की इस महारैली ने पत्रकारों के संगठन संचालित कर रहे उन नेताओं की भी पोल खोल दी जो बड़ी बड़ी बातें तो करते हैं पर भोपाल में शक्ति प्रर्दशन करने की बात पर किनारा काट गए आखिर किनारा कयों न काटते, जब उनके संगठनों में पत्रकार सदस्य ही नहीं है ये स्वयंभू नेतागण की दुकानें तो है पर इन दुकानों में न तो समान हैं न ही ग्राहक ।आखिरकार पत्रकार संगठनों का बन ही गयाफ़ेडरेशन
महारैली को विफल करने लगी ताकतों को आखिरकार मुंह की खानी पड़ी, पत्रकार महारैली को जबरदस्त सफलता मिली और प्रदेश भर के सक्रिय पत्रकार संगठनों ने संयुक्त पत्रकार महासंघ बना दिया । अब इसी वेनर से पत्रकारों के हितों की सामूहिक लड़ी जावेगी ।
कैसे गठन हुआ संयुक्त पत्रकार महासंघ का
इस गठन में श्रमजीवी पत्रकार परिषद, मध्यप्रदेश ने प्रमुख भूमिका निभाई, चूंकि परिषद का प्रमुख उद्देश्य शुरू से ही पत्रकार कल्याण का रहा है परिषद ऐसे गठन का लंबे वक्त से इंतजार कर रहा था कि सब इकट्ठे हो और एक संयुक्त पत्रकार महासंघ का गठन किया जावे ।
संयोजक नलिन कांत बाजपेयी के प्रस्ताव पर लगी पत्रकार संगठनों की मुहर
पत्रकारों की भारी भीड़भाड़ के बीच हो रहे पत्रकार सम्मेलन में संयोजक नलिन कांत बाजपेयी ने संयुक्त पत्रकार महासंघ का प्रस्ताव रख दिया संयोजक श्री बाजपेयी ने अपने भाषण के दौरान इस प्रस्ताव को रखते हुए कहा कि आज इस महासम्मेलन में संयुक्त पत्रकार महासंघ के गठन का प्रस्ताव रखते है साथ ही इस महासंघ के अध्यक्ष हेतु वरिष्ठ पत्रकार अवधेश भार्गव जी का नाम प्रस्तावित करते हुए भार्गव जी को महासंघ की कार्यकारणी गठित करने हेतु अधिकृत किया जाए .श्री बाजपेयी जी के इस प्रस्ताव का बिना समय गंवाए प्रदेश अध्यक्ष परमानन्द तिवारी ने मंच से सर्मथन दे दिया आखिरकार अचानक ऐसे आए प्रस्ताव से सम्मेलन में उपस्थित कुछेक नेताओं के अंदरुनी विरोध के वाबजूद सम्मेलन में संयुक्त पत्रकार महासंघ के गठन के प्रस्ताव को एकमतेन स्वीकृति मिल गई ।
प्रदेश अध्यक्ष परमानंद तिवारी की भूमिका सराहनीय रही महासंघ गठन में
इस गठन के लिए सुबह से ही सम्मेलन में आए पत्रकार संगठनों के नेताओं की घेराबंदी श्रमजीवी पत्रकार परिषद, मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष परमानन्द तिवारी ने शुरू कर दी थी और एक एक संगठनों के नेताओं से साफ शब्दों में कह दिया गया था कि हर हाल में संयुक्त पत्रकार महासंघ के गठन के प्रस्ताव पर अपनी अपनी मुहर लगाना है पूरे प्रदेश से सोलह पत्रकार संगठन महारैली में भाग लेने आए थे कुछेक संगठनों के नेताओं नेे इस गठन पर आपत्ति भी जताई थी उन्हें परमानन्द तिवारी द्वारा स्पष्ट रूप से अगाह कर दिया गया था कि यदि आपको सर्मथन नहीं करना है तो विरोध भी नहीं करेंगे चूंकि इसके पहले भी ऐसे प्रस्ताव समय समय पर रखे गए पर असफल ही रहें कयोंकि कोई भी संगठन एक दूसरे के साथ मिलकर काम नहीं करना चाहते इस सम्मेलन की यह सबसे बडी उपलब्धि मानी जा रही हैं संयुक्त पत्रकार महासंघ ।
इसके गठन से पत्रकारों के हितों की लडाई में तेजी आएगी औंर ऐसा मानना है कि अब पत्रकारों की मांगें बहुत ही जल्द पूरी होगी ।